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    गड़चिरोली. 28 अक्टूबर 2021 से रापनि कर्मचारी विलगीकरण की प्रमुख मांग को लेकर हड़ताल शुरू किए है. कर्मचारियों के हड़ताल को अब 5 माह की कालावधि पूर्ण हो गयी है. इसी बीच हाल ही में राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने हड़ताल करनेवाले रापनि कर्मचारियों से अपिल करते हुए कहां कि, हड़तालकर्ता कर्मी 31 मार्च तक सेवा में पूर्ववत दाखिल होने पर किसी की भी नौकरी नहीं जाएगी.

    ऐसी बात कही थी. लेकिन हड़ताल करनेवाले रापनि कर्मचारियों ने लिखित रूप से मांग पूर्ण करने का आश्वासन देने तक हड़ताल जारी रखा जाएगा, ऐसा निर्णय लिया है. जिससे कर्मचारियों के हड़ताल के 5 माह बाद भी किसी भी तरह का हल नहीं निकल पाया है. 

    हड़ताल के कारण 75 बसे डिपों में जमा 

    गड़चिरोली डिपो कर्मचारियों द्वारा पिछले 5 माह से हड़ताल किए जाने के कारण वर्तमान स्थिति में 25 बसों का परिचलन शुरू होकर करीब 75 बसें डिपो में जमा होने की जानकारी मिली है. वहीं हाल ही में डिजल के दाम बढऩे के कारण डिपों के पंप में डिजल लेकर आनेवाले टैंकर की किमत करीब ढाई लाख से बढऩे के कारण रापनि को निजि पेट्रोलपंप से डिज़ल भरने की नौबत आन पड़ी है. ऐसे स्थिति रापनि को भी वित्तीय संकट से गुरजना पड़ रहा है. 

    रापनि का करोड़ों का नुकसान

    पिछले 5 माह से राज्य समेत गड़चिरोली जिले के रापनि कर्मचारी अपनी प्रमुख मांग को लेकर हड़ताल कर रहे है. जिसमें गड़चिरोली के विभागीय नियंत्रक कार्यालय अंतर्गत आनेवाले गड़चिरोली, ब्रम्हपुरी और अहेरी डिपो के कर्मचारियों का समावेश है. बताया जा रहा है.चार माह में संबंधित तीनों डि़पों से परिसंचालन होनेवाली बसे बंद है. जिसके कारण रापनि का करोड़ों रूपयों का नुकसान हुआ है.

    कुछ बसे हुई शुरू

    गड़चिरोली डिपो में हड़ताल करनेवाले कुछ कर्मचारी पूर्ववत सेवा में दाखिल होने के कारण गड़चिरोली डिपो द्वारा 10 से 15 बस फेरियां रोजाना चलाई जा रही है. कुछ हद तक बसे शुरू होने के कारण यात्रियों को कुछ हद तक राहत मिली है. लेकिन बसों की कमी के चलते अब भी यात्रियों को निजि वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है.  जिसके कारण यात्रियों को मानसिक और शारिरीक रूप से त्रस्त होने के साथ ही वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. इधर बसे बंद होने का गलत लाभ उठाते हुए निजि वाहनधारक यात्रियों की वित्तीय लुट करते दिखाई दे रहे है.