बंगाल की 8 सदस्यीय टीम जंगली हाथियों पर पाएगी नियंत्रण, दो दिन पहले दाखिल हुई टीम

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    गड़चिरोली. गत वर्ष अक्टूबर जंगली हाथी छत्तीसगढ़ राज्य से होते हुए जिले की सीमा में प्रवेश किए थे.  उस समय जंगली हाथियों के झुंड़ ने उत्पात मचाते हुए धान फसल समेत घरों को क्षति पहुंचाई थी. जिसके कारण गड़चिरोली और वड़सा वनविभाग के नागरिकों मेंं दहशत निर्माण हो गयी थी. और अब कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ राज्य से ही जंगली हाथियों का झंडु पुन: जिले की सीमा में प्रवेश किया है.

    ऐसे में जंगली हाथी धान फसल समेत  नागरिकों के घरों को क्ष्ति न पहुंचाए, इसलिये वनविभाग पुरी तरह अलर्ट हो गया है. वहीं जंगली हाथियों पर नियंत्रण पाने के लिये वनविभाग ने बंगाल की एक टिम को जिले में बुलाया है. उक्त टिम में कुल 8 सदस्य होकर यह टिम जंगली हाथियों पर नियंत्रण पाने का प्रयास कर रहेगी. लेकिन दुसरी ओर पुन: जंगली हाथियों का झुंड़ दाखिल होने के कारण नागरिकों में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है. 

    खेब्रामेंढ़ा जंगल में हाथियों का झुंड़ 

     करीब 5 दिन पहले ओडि़सा राज्य के जंगली हाथी छत्तीसगढ़ राज्य से होते हुए जिले के जंगल में प्रवेश किए है. ऐसे में जंगली हाथी आए दिन एक जगह से दुसरे जगह पर स्थानांतरण हो रहे है. इसी बीच रविवार को जंगली हाथियों का झुंड धानोरा तहसील के खोब्रामेंड़ा जंगल में होने की जानकारी मिली है. इधर बंगाल से जंगली हाथियों के झुंड पर निगरानी और नियंत्रण पाने के लिये आयी टिम अपने कार्य में जुट गयी है. लेकिन दुसरी ओर खोब्रामेंड़ा   परिसर के नागरिक जंगली हाथियों के चलते पुरी तरह भयभित हो गये है. 

    येरमागड़ में 5 घरों को पहुंचाई क्षति

    गड़चिरोली जिले में जंगल में दाखिल होते ही जंगली हाथियों के झुंड ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया है. ऐसे में धानोरा तहसील के येरमागड़ गांव में करीब 5 घरों को जंगली हाथियों ने क्षति पहुंचाने की जानकारी मिली है. इसके अलावा कही पर भी किसी भी तरह की घटना नहीं होने की जानकारी मिली है. उक्त हाथियों का झुंड गांव में न पहुंचे, इसलिये वनविभाग के अधिकारी व कर्मचारी प्रयास कर रहे है.

    नुकसानग्रस्त लोग मुआवजे की प्रतिक्षा

    गत वर्ष जंगली हाथियों का झुंड गड़चिरोली जिले के जंगल में दाखिल होकर धान फसल समेत घरों को क्षति पहुंचाई थी. जिसमें किसान समेत नागरिकों का भारी नुकसान हुआ था. वहीं अनेक लोगों में घरों में रखी जीवनाश्यक वस्तुओं को भी हाथियों ने तहस-नहस कर दिया था. जिसके बाद वनविभाग द्वारा नुकसानग्रस्त क्षेत्र का पंचनामा कर नुकसानग्रस्तों को मुआवजा देने की बात कही गई. लेकिन अब तक अनेक नुकसानग्रस्त नागरिकों को मुआवजा नहीं मिला है. ऐसी जानकारी मिली है.