बाघ के हमले में वन विभाग के कर्मचारी की मौत
बाघ के हमले में वन विभाग के कर्मचारी की मौत

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  • शिकारस्थल पर पहुंची वनविभाग की टिम

गडचिरोली. 29 नवंबर को महाराष्ट्र और छत्तीसगढ राज्य की वनविभाग की टिम ने संयुक्त रूप से एटापल्ली-जीवनगट्टा मार्ग पर कार्रवाई करते हुए वासामुंडी निवासी शामराव रमेश नरोटे और एटापल्ली निवासी अमजदखान पठाण नामक दो आरोपियों के पास से बाघ का खाल जब्त किया था. वहीं दोनों को गिरफ्तार कर इस मामले की गंभीरता से जांच की गई.

आखिरकार बाघ का शिकार करने का मामला स्पष्ट होकर इस मामले में वनविभाग ने फरार और दो आरोपियों को गुरूवार को गिरफ्तार कर बाघ शिकार मामले का पर्दाफाश किया है. गिरफ्तार आरोपियों में  रामा गावडे और जगन्नाथ मटामी का समावेश है. यह कार्रवाई गडचिरोली वनवृत्त के वनसंरक्षक रमेशकुमार के मार्गदर्शन और भामरागड वनविभाग के उपवनसंरक्षक शैलेश मीणा के नेतृत्व में उदंती सितानदी टायगर रिझर्व छत्तीसगड वनविभाग के उपनिदेशक वरूण जैन व उनकी टिम और आलापल्ली वनविभाग के उपवनंसरक्षक राहुल टोलिया, विभागीय वनाधिकारी गणेश पाटोले आदि ने संयुक्त रूप से की है.

वन हिरासत में सामने आई जानकारी 

बाघ के खाल समेत शामराव नरोटे और अमजदखान पठाण को गिरफ्तार करने के बाद दोनों आरोपियों को गुरूवार को चामोर्शी के न्यायालय में पेश किया गया. जहां न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दो दिन तक वनहिरासत में रखने का आदेश दिया है. इस दौरान वनाधिकारियों द्वारा कसकर जांच करने पर बाघ का शिकार करने की बात दोनों कबुल की. साथ इस मामले में फरार अन्य रामा गावडे और जगन्नाथ मट्टामी को भी हिरासत में लेकर शिकार हुए जगह पर पहुंचकर जांच की गई है.

बाघ का शव और दांत जब्त

बाघ का शिकार करने की बात स्पष्ट होते ही वनाधिकारियों ने आरोपियों को लेकर बाघ का शिकार किये गये जगह पर पहुंचे. घटनास्थल की जांच करने पर बाघ का शव मिला. लेकिन दात गायब थे. जिससे आरोपियों की पुछताछ कर आरोपियों के घर से बाघ से दात जब्त किये गये. वहीं पेरमिली, मेडपल्ली और अहेरी के पशु वैद्यकीय अधिकारियों का बुलाकर नमूने जमा किये गये. वहीं नमूनों को जांच के लिये नागपुर और देहरादून के प्रयोगशाला में भिजवाये गये है.