Jaravandi Rape Case

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गड़चिरोली. अत्याचार पीड़ित मासूम का उपचार के अभाव में होने वाली परेशानी के मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला परिषद की मुख्य कार्यपालन अधिकारी आयुषी सिंह ने बुधवार को एटापल्ली तहसील के अतिदुर्गम जारावंडी गांव के अस्पताल में कार्यरत तीन डाक्टरों को सेवासमाप्ति का आदेश दिया है. सीईओ की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है. एटापल्ली तहसील के जारावंडी गांव में एक 5 वर्षीय मासूम के साथ अस्पताल के चपरासी द्वारा दुष्कर्म करने की घटना उजागर हुई थी. घटना के बाद पीड़िता को अस्पताल में ले जाने पर वहां एक भी वैद्यकीय अधिकारी उपस्थित नहीं थे. जिससे बच्ची को पेंढरी गांव में ले जाना पड़ा. जहां स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार देने के बाद वह गड़चिरोली पहुंचे. तबीयत बिगड़ने के कारण मासूम को नागपुर ले जाना पड़ा. इस मामले के बाद स्वास्थ विभाग की लचर व्यवस्था सामने आई. जिसके बाद विरोध में जारावंडी परिसर समेत गांवों के नागरिकों ने 11 मार्च को गांव बंद रख अस्पताल को ताला जड़ा था.

नागरिकों के विरोध के बाद 12 मार्च को स्वयं जिप की मुख्य कार्यपालन अधिकारी आयुषी सिंह जारावंडी गांव में पहुंची. जहां नागरिकों को विश्वास दिलाते हुए अस्पताल को जड़ा ताला खुलवाया. इससे स्वास्थ्य सेवा पूर्ववत शुरू हुई. वहीं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दावल सालवे से रिपोर्ट मांगी गई. बाद में जारावंडी के मानसेवी वैद्यकीय अधिकारी के रूप में नियुक्त डा. अर्चना हिरेखण, डा. जागृती गावडे और डा. राकेश हिरेखण के सेवासमाप्ति का आदेश जारी किया गया. मुख्यालय में अनुपस्थित रहकर पीड़िता पर उपचार करने में लापरवाही बरतना संबंधित डाक्टरों को भारी पड़ा है. दूसरी तरफ डा. राकेश हिरेखण पर नागरिकों के साथ गलत बर्ताव करने का भी आरोप लोगों ने लगाया है. 

पूर्ण समय डाक्टर के लिये भेजा प्रस्ताव 

जारावंडी में नियुक्त किये गए वैद्यकीय अधिकारी डा. लोकेशकुमार कोटवार के पास जिला मलेरिया अधिकारी पद पर अतिरिक्त जिम्मा है. जिससे वह अस्पताल की ओर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. डॉ. कोटवार को सौंपा गया जिला मलेरिया अधिकारी पद का अतिरिक्त जिम्मा निकालकर नियमित जिला मलेरिया अधिकारी के रूप में नियुक्त करें. जिससे जारावंडी अस्पताल में पूर्ण समय डाक्टर मौजूद रहेंगे. ऐसा प्रस्ताव मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुषी सिंह ने स्वास्थ्य उपसंचालक को भिजवाया है.

अस्पतलों में रहेंगे वरिष्ठ अधिकारियों के मोबाइल नंबर

जारावंडी की घटना के बाद वहां के 3 डाक्टरों को सेवा से निकाल दिया है. वहीं जारावंडी अस्पताल में सीईओ,  जिला स्वास्थ्य अधिकारी और तहसील स्वास्थ्य अधिकारी के मोबाइल नंबर लगाए गए हैं. अस्पताल में गैरहाजिर रहने वाले डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी की जानकारी तत्काल वरिष्ठ स्तर पर पहुंचे इसलिए अब सभी अस्पतालों में सीईओ, डीएचओ और टीएचओ के मोबाइल नंबर लगाए जाएंगे. नागरिकों द्वारा शिकायत करने पर तत्काल ही कार्रवाई की जाएगी.

-आयुषी सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिप, गड़चिरोली.