ST Strike
File Photo

    Loading

    गड़चिरोली. कक्षा 10 वीं व 12 वी बोर्ड की परीक्षा को शुरूआत हुई है. शिक्षा विभाग ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए जहां स्कूल, महाविद्यालय वहीं परीक्षा केंद्र तैयार किए गए है. किंतू बिते 4 माह से जारी रापनि कर्मियों की हडताल के कारण दुर्गम, ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों के साथ छात्रों का पैदल सफर जारी है. बोर्ड के परीक्षा का महत्व ध्यान में लेते हुए दुर्गम क्षेत्र के विद्यार्थी परीक्षा केंद्र पर पहुचने के लिए मशक्कत करते नजर आ रहे है. किंतू रापनि के बसों के अभाव में दुर्गम व ग्रमीण क्षेत्र के परिक्षा की राह दुश्वार नजर आ रही है. 

    शुरू शैक्षणिक सत्र में 4 मार्च से 7 अप्रैल तक कक्षा 12 वीं की तो 15 मार्च से 4 अप्रैल तक कक्षा 10 वीं की परीक्षा हो रही है. कोरोना प्रकोप के कारण स्कूले बंद थे. जिस कारण छात्रों के लिखने का अभ्यास खंडीत हुआ था. जिससे शिक्षा विभाग ने 10 वीं व 12 वीं के परीक्षा के समय में बदलांव कर 60 अंक के प्रश्नपत्रिका के लिए 15 मिनट अधिक तो 80 अंक के प्रश्नपत्रिका के लिए 30 मिनट अधिक का समय बढ़ाकर दिया है.

    जिस कारण 12 वीं के दोपहर के सत्र का पर्चा शाम 6.30 बजे तक होनेवाला है. परीक्षा का यहीं कालावधि में दुर्गम क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. जिले का दुर्गम क्षेत्र वनों से व्याप्त है. हिंसक श्वापदों का खतरा अधिक रहता है. ऐसे में बससे बंद होने से शाम 6.30 बजे के बाद दुर्गम क्षेत्र के छात्रों को गांव तक पहुचने में व्यापक मशक्कत करनी पड रही है.  

    मानव विकास मिशन बस का नहीं अता-पता 

    रापनि कर्मचारियों के हडताल के कालावधि में जिले के गड़चिरोली व अहेरी डिपो अंतर्गत कुछ बसे सड़क पर दौड रही है. गिने-चुने बसफेरीया केवल मुख्य मार्ग पर दौड रही है. शालेय छात्राओं के  लिए रापनि की ओर से स्कूल में आवागमन हेतु मानव विकास मिशन बसेस की सेवा शुरू है. यह बससेवा ग्रामीण अंचल के छात्रों के लिए व्यापक लाभकारी साबित हो रही थी. किंतू हडताल के कारण बिते 4 माह से इस बसका का कोई अता – पता दिखाई नहीं पड रहा है. जिससे बोर्ड की परीक्षा देनेवाले ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को व्यापक असुविधा हो रही है. 

    जंगलों का रास्ते भयावह 

    जिले का अधिकांक्ष क्षेत्र वनव्याप्त है. इस क्षेत्र में हिंसक श्वापदों का बसेरा है. अहेरी उपविभाग के अहेरी, एटापल्ली, मुलचेरा, भामरागड, सिरोंचा इन तहसील के अनेक गांव दुर्गम, संवेदनशिल क्षेत्र में आते है. यहां के छात्रों का परीक्षा केंद्र 15 से 20 किमी इतने दूरी पर आता है. बसेस बंद होने से इस क्षेत्र के छात्रों को निजि वाहन एकमात्र सहारा है. किंतू बसेस बंद होने से निजि वाहनों का सफर भी काफी महंगा हुआ है. साथ ही दुर्गम क्षेत्र में शाम के दौरान निजि वाहन भी नहीं मिलते है. जिससे शाम 6.30 बजे तक होनेवाले इस परिक्षा के कारण वनव्याप्त क्षेत्र के छात्रों का सफर भयावह होने की बात कहीं जा रही है. 

    अहेरी डिपो से दौड रही 15 बसे 

    इस संदर्भ में अहेरी डिपो के प्रबंधक युवराज राठोड से पुछने पर उन्होने बताया कि, बिते 4 माह से रापनि कर्मियों की हडताल शुरू है. इस हडताल के चलते अहेरी डिपो अंतर्गत 11 ठेका पद्धति के चालकों के भरोसे 15 बसे सड़कों पर दौड रही है, करीबन 30 बसफेरीयां हो रही है. उक्त बसे अहेरी-चंद्रपूर-गडचिरोली मार्ग पर दौड रही है. दुर्गम व ग्रामीण मार्ग पर अबतक बसे नहीं छोडी गई है. मानव विकास मिशन अंतर्गत बससेवा फिलहाल बंद है. कर्मी सेवा में आते ही बसेस पूर्ववत शुरू किए जाऐंगे. ऐसी जानकारी उनहोने दी.