Wild elephants destroyed paddy crop

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गडचिरोली. जिले में जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले धान फसलों को जंगली हाथियों ने अपने पैरों तले रौंद दिया. अब और धान को तहस नहस करने का सिलसिला शुरू हो गया है. कुछ दिन पहले ही वडसा वनिवभाग के चांभार्डा गांव के खेत परिसर में ट्रैक्टर ट्राली में रखे करीब 50 धान बोरों को तहस-नहस कर दिया था.

ऐसे में अब गुरूवार को रात के समय धान के बोरों से भरे ट्रैक्टर को रोककर जंगली हाथियों ने धान को तहस-नहस कर दिया है. वडसा वनविभाग अंतर्गत आनेवाले आरमोरी तहसील के डार्ली गांव परिसर में घटी. इस घटना में डार्ली गांव निवासी सदाशिव शंकर सडमाके नामक किसान का भारी नुकसान हुआ है. वहीं इस घटना से परिसर में जंगली हाथियों की दहशत निर्माण हो गयी है.

ट्रैक्टर के सामने खडे हो गये हाथी

बताया जा रहा है कि, सदाशिव शंकर सडमाके नामक किसान गुरूवार को अपने खेत में मशीन द्वारा धान फसल की कुटाई की. और करीब 50 से 60 बोरे धान ट्रैक्टर में भरकर अपने घर की ओर जा रहे थे. इस दौरान बीच मार्ग पर अचानक जंगली हाथियों का समूह ट्रैक्टर के सामने आ गया. जिसमें ट्रैक्टर में सवार चार-पांच लोग अपनी जान बचाते हुए मौके से भाग निकले और इस घटना की जानकारी ग्रामीणों को दी. इधर ग्रामीण जंगली हाथियों को भगाने के लिये मौके पर पहुंचते ही जंगली हाथियों ने ट्रैक्टर में भरे 50 से 60 बोरे धान को पुरी तरह तहस-नहस कर दिया था. 

वनाधिकारियों ने किया पंचनामा

इस घटना की जानकारी मिलते ही वनाधिकारी और कर्मचारियों की टीम मौके पर पहुंचकर घटना का पंचनामा किया है. इस समय मरेगांव के क्षेत्र सहायक आर. टी. समर्थ,  खरपी के वनरक्षक आर. पी. कुडावले, एन. एस. मुनघाटे, ए. ए. ठाकुर समेत ग्रामीण उपस्थित थे. इस घटना में संबंधित किसान का भारी नुकसान हुआ है. जिससे वनविभाग तत्काल नुकसानग्रस्त किसानों को वित्तीय सहायता करें, ऐसी मांग क्षेत्र के नागरिकों द्वारा की जा रही है.