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    अर्जुनी मोरगांव. अर्जुनी मोरगांव वन परिक्षेत्र अंतर्गत रामघाट बीट कक्ष क्र. 254 बी में बाघ के शिकार प्रकरण में वन विभाग के अधिकारियों ने 6 वें आरोपी को गिरफ्तार किया है. इसके पूर्व 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अंत में गिरफ्तार आरोपी धनपाल माधो कांबले को वन अधिकारियों ने 21 जनवरी को न्यायालय में पेश किया जहां उसे 24 जनवरी तक एफसीआर दिया गया है. 

    इसके पूर्व धनराज शिवा चचाने, ग्यानेश्वर मधुकर वाघाडे, शरद पांडुरंग मलकाम, विकास गोपाल नेवारे व विलास रामदास शिखरामे को गिरफ्तार किया गया. इन सभी आरोपियों को 21 जनवरी तक एफसीआर दिया गया था. इसके बाद आरोपी वाघाडे व चचाने को 24 जनवरी तक वन हिरासत दी गई. जबकि 3 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भंडारा जेल भेज दिया गया है. 

    जानकारी के अनुसार 13 जनवरी की सुबह गश्त लगा रहे वन कर्मचारियों को एक बाघ मृत अवस्था में दिखाई दिया था. उन्होंने इसकी जानकारी उपवन संरक्षक व संबंधित अधिकारियों को दी. सूचना मिलते ही उपवन संरक्षक कुलराजसिंग के साथ वन विभाग के अधिकारी तथा मानद वन्यजीव संरक्षक मुकूंद धुर्वे, सावन बहेकार आदि घटना स्थल पर पहुंचे. जांच के दौरान मृत बाघ का जबड़ा व नाखून गायब पाए गए थे. वन विभाग ने विद्युत करंट लगाकर बाघ के शिकार होने की संभावना व्यक्त की थी. बाघ का पंचनामा किया गया. उक्त बाघ की उम्र 4 वर्ष बताई गई थी. वन विभाग ने आरोपियों को पकड़ने के लिए 25 हजार रु. का ईनाम रखा था. इस प्रकरण में वन विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में आरोपियों के पास से बाघ के दो दांत, जबडे की हड‍्डी, अन्य दांत व अवयव के टूकडे करने के लिए प्रयुक्त की गई कुल्हाडी जब्त की गई.

    आरोपी धनराज शिवा चचाने व ग्यानेश्वर वाघाडे ने 11 जनवरी की रात 7 से 8 बजे के दौरान डाक्टर उल्हास गोडेगोणे के निजी खेत के पास विद्युत पंप पूर्ति मीटर से विद्युत करंट को तार के माध्यम से प्रवाहित किया. यह प्रवाह खुली जगह में लगभग डेढ़ किमी. के जंगल तक किया गया. जिससे विद्युत प्रवाहित विद्युत तार की चपेट में बाघ आ गया और उसकी मृत्यु हो गई.

    दूसरे दिन कथित आरोपियों ने सुबह 5 बजे बाघ के दो दांत व कुल्हाडी खेत के पास छुपाकर रख दिए थे. इस प्रकरण में बंदी बनाए गए सभी आरोपी यह जंगली सुअर व अन्य वन्य प्राणियों का मांस खाने के आदि है. इस प्रकरण में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा के तहत जांच कार्रवाई शुरू है.   

    इस प्रकरण में उपवन संरक्षक कुलराजसिंग तथा तेंदू कैंप के सहायक वन संरक्षक सदगीर के मार्गदर्शन में गोंदिया वन विभाग के क्षेत्र सहायक यु.गोटेफोडे, अर्जुनी मोरगांव के आर.डी.राणे, वनरक्षक एल.एस.चोले, आर.आर.यु. मिथुन चव्हान, अमोल चौबे, सतीश शेंद्रे, श्रावण धनस्कर, सुनील शेडके, प्रकाश पाथोडे आदि ने जांच कार्रवाई की है.