Crop Loan

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    गोंदिया.  राज्य शासन ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धान उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर 15 हजार रु. बोनस देने की घोषणा की थी. वहीं बोनस के लिए 2 हेक्टेयर की सीमा भी तय की गई. लेकिन करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी बोनस की राशि किसान के खाते में जमा नहीं की गई है. जिससे राज्य शासन का आश्वासन खोखला साबित हो रहा है और किसान बोनस का इंतजार कर रहे हैं.

    प्राय: देखने में आता है कि शासन द्वारा घोषणा किए जाने के बावजूद लाभार्थियों को सहायता राशि लंबे समय तक नहीं दी जाती है. दिसंबर महीने में हुए नागपुर अधिवेशन में विपक्षी दलों और सत्ता पक्ष दोनों की मांग पर राज्य शासन ने धान उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर 15 हजार रु. बोनस देने की घोषणा की थी. इसके बाद कई जनप्रतिनिधियों ने शहर व गांवों में होर्डिंग व बैनर लगाकर शासन के इस फैसले का स्वागत किया. लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी किसानों को अभी तक बोनस राशि नहीं मिली है.

    खरीफ के बाद अब किसान ग्रीष्मकालीन रबी मौसम  में व्यस्त हैं. किसानों को बोनस राशि तो नहीं मिल रही है वहीं शासकीय धान बिक्री केंद्र पर धान बेचने वाले हजारों किसानों को आज तक धान का भुगतान नहीं किया गया है. जिससे   किसान आर्थिक संकट में है. चालू रबी मौसम में किसानों ने खाद, दवा, मजदूरी आदि पर खर्च करना शुरू कर दिया है और किसानों के हाथ में पैसा नहीं है. तो बोनस राशि का इंतजार कब खत्म होगा ? यह सवाल अब किसान कर रहे हैं.