arrested
File Photo

    Loading

    गोंदिया. जिले के सुशिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरी लगाने के नाम पर उनसे मोटी रकम एंठकर फरार होने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना व गोंदिया तहसील अंतर्गत ग्राम तांडा निवासी उत्तम मोहन खांडेकर (50) को बड़ी जद्दोजहद के बाद आखिरकार नागपुर जिले के हिंगना वानाडोंगरी से गिरफ्तार कर लिया गया. 

    उल्लेखनीय है कि खांडेकर की 2 अक्टूबर 2021 से ग्रामीण पुलिस तलाश में जुटी थी  लेकिन वह अपना स्थान सतत बदल रहा था और पुलिस को चकमा देता रहा. उसके खिलाफ जिले में व बाहरी राज्यों में 25 से अधिक अपराधिक मामले दर्ज हैं. जिसमें धोखाधड़ी, मारपीट, डकैती, बलवा, चुनाव में बाधा निर्माण करना, शराब जैसे संगीन अपराधों का समावेश है. इसके लिए उसे अनेक बार तड़ीपार भी किया जा चुका है. 

    34 लाख की धोखाधड़ी

    इसी में अब उसकी पुन: गिरफ्तारी 34 लाख रु. की धोखाधड़ी प्रकरण में हुई है. इस संबंध में 2 अक्टूबर 2021 को अनेक युवक-युवतियों ने खांडेकर के खिलाफ नौकरी लगाने के नाम पर  भारी रकम एंठकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीण थाने में शिकायत की थी. जिसे लेकर ग्रामीण पुलिस ने भादंवि की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया था.

    इसके पूर्व वह छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिले में सुशिक्षित युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम कोलकाता लेकर जा रहा था लेकिन दुर्ग पुलिस ने उसके मंसुबे पर पानी फेरकर उसे गिरफ्तार किया था. इसके बाद न्यायालय से जमानत लेकर वह फरार हो गया था.

    जिला पुलिस की टीम कोलकाता गई थी

    छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिला कारागृह से जमानत पर रिहा होने के बाद  खांडेकर फरार हो गया था. जिला पुलिस ने उसके मोबाइल लोकेशन को ट्रेस किया था. जिसमें वह कोलकाता परिसर में घुम रहा था. इस प्रकरण की जांच करने वाले तत्कालीन सहायक पुलिस निरीक्षक सागर पाटील व एपीआई चव्हान व अन्य पुलिस कर्मी तत्काल कोलकाता रवाना हो गए थे. लेकिन जालसाज खांडेकर को  भनक लगते ही वहां से भागकर निकलने में कामयाब हो गया था.

    वह सेना का भगौड़ा जवान है

    इस धोखाधड़ी प्रकरण में आरोपी  खांडेकर  भारतीय सेना का भगौड़ा जवान है. वह शुरू से अपराधिक प्रवृत्तिवाला है. ग्राम तांडा में भी उसकी दहशत है लेकिन वह दो दशक से लोगों को नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने की कारगुजारियों में जुटा हुआ है. अंत में पुलिस को गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली की वह नागपुर में है.

    जिससे सहायक पुलिस निरीक्षक चव्हान, हेड कांस्टेबल बहेकार, कांस्टेबल राकेश इंदुरकर, पारधी व परिहार आदि की टीम ने नागपुर पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया. जांच ग्रामीण पुलिस स्टेशन के थानेदार बालासाहेब बोरसे के मार्गदर्शन में एपीआई चव्हान कर रहे हैं.