Representational Pic
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    गोंदिया. जिले में आदिवासी विकास महामंडल व जिला मार्केटिंग फेडरेशन के माध्यम से संचालित आधारभूत हमी भाव धान खरीदी केंद्रों पर धान की खरीदी की जाती है  लेकिन आर्थिक वर्ष 2021-22 में बड़े पैमाने पर धान खरीदी में घोटाला होने की बात सामने आई है. इस मुद्दे को सांसद सुनील मेंढे ने लोकसभा में  उठाया है.

    इसके बाद केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल ने संपूर्ण प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी है. जिससे जिले में पिछले कुछ दिनों से घोटाले करने वाली संस्थाओं की जांच शुरू हो गई है. इसमें धान खरीदी प्रकरण में बड़ा घोटाला उजागर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. पिछले कुछ वर्षो से धान खरीदी केंद्रों पर होने वाले घोटाले छुपे नहीं है.

    इसमें अनेक संस्था चालक किसानों के फर्जी सातबारा तथा व्यापारी वर्ग भी किसानों को धमकाकर उनके सात बारा पर नियोजित संस्था में धान की बिक्री करते है. इसी प्रकरण को गंभीरता से लेकर सांसद मेंढे ने लोकसभा में प्रश्नोत्तर काल में यह मुद्दा उठाया था. इसी तरह उन्होंने सन 2021-22 इस वर्ष धान खरीदी में हुई हेराफेरी की विस्तृत जानकारी दी है. इस पर केंद्रीय मंत्री गोयल ने धान खरीदी में हेराफेरी की जांच के लिए सीबीआई को यह प्रकरण देने की बात कही है. जिले में पिछले कुछ दिनों से हेराफेरी में लिप्त धान खरीदी संस्थाओं की सीबीआई ने जांच शुरू की है.

    प्रतिबंधित संस्थाओं पर लटक रही तलवार

    गोरेगांव तहसील की एक संस्था पर धान खरीदी केंद्र में हेराफेरी करने से धान खरीदी पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके बावजूद उस संस्था के संचालकों ने किसानों को भ्रमित कर बड़े पैमाने पर धान खरीदी की है. वह धान खरीदी करने के बाद किसानों को चुकारे नहीं मिले है. इस संदर्भ में पुछताछ करने पर प्रतिबंध होने की बात किसानों के ध्यान में आई है.

    इस संस्था की जांच हुई है. इसके लिए सभी अहवाल सीबीआई को प्रस्तुत किए गए है. जिससे इस संस्था पर तलवार लटक रही है. वहीं दुसरी ओर गोंदिया तहसील की 32 गांवों वाली सेंट्रल कृषक व सालेकसा तहसील की एक संस्था की हेराफेरी इस जांच में सामने आने की संभावना है.