Maharashtra Home Guard

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    -शीतला सिंह

    मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में होमगार्ड (Homeguard) के जवानों के अच्छे दिन आ गए हैं। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बाद आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे होमगार्ड के जवानों के लिए राहत की खबर है। होमगार्ड के वरिष्ठ अधिकारी यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि होमगार्ड के हर जवान को साल में कम से कम 180 दिन की ड्यूटी मिले।

    होमगार्ड के अधिकारियों ने एमआईडीसी (MIDC), वन विभाग (Forest Department), राजस्व विभाग (Revenue Department), राज्य आबकारी ( State Excise) और एसटी महामंडल (ST Mahamandal) को पत्र (Letter) लिखा है। इसके लिए जिस विभाग में सुरक्षा कर्मियों की आवश्यकता है, उसे पत्र लिखकर बताया जा रहा है कि यदि सुरक्षा कर्मियों की आवश्यकता है, तो होमगार्ड के सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करा सकता है।

    180 दिन की ड्यूटी सुनिश्चित करने की कोशिश

    एमआईडीसी, वन विभाग, राजस्व विभाग, राज्य आबकारी और एसटी विभाग उन्हें सुरक्षा कर्मियों की आवश्यकता होने पर होमगार्ड से संपर्क करने के लिए कह रहे हैं। होमगार्ड के वरिष्ठ अधिकारी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि होमगार्ड से जुड़े हर व्यक्ति को साल में कम से कम 180 दिन की ड्यूटी मिले।

    होमगार्ड के सभी जवानों को वेतन का भुगतान

    इसके साथ ही वर्ष 2022 में राज्य के लगभग सभी होमगार्ड के जवानों को उनके वेतन का भुगतान कर दिया गया है। उन्हें दिए जाने वाले वेतन की राशि करीब 314 करोड़ रुपए है। होमगार्ड को वेतन के रूप में दी गई यह राशि अब तक की सबसे बड़ी राशि है। इससे पहले होमगार्ड को वेतन के रूप में 185 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।

    होमगार्ड में लगभग 53 हजार जवान कार्यरत

    महाराष्ट्र होमगार्ड में लगभग 53 हजार कर्मी कार्यरत हैं, जो मुंबई पुलिस, राजकीय रेलवे पुलिस, राज्य के प्रत्येक कलेक्टर कार्यालय और कुछ नगर पालिकाओं में सुरक्षा ड्यूटी करते हैं। महाराष्ट्र के हर जिले में होमगार्ड सुरक्षा गार्ड के रूप में ड्यूटी करते हैं, इन होमगार्डों को उनकी ड्यूटी के अनुसार पैसा मिलता है।

    10 घंटे की ड्यूटी के लिए मिलते हैं 650 रुपए  

    उन्हें 10 घंटे की ड्यूटी के लिए 650 रुपये मिलते हैं, अगर ड्यूटी का समय अधिक है, तो ओवरटाइम भी दिया जाता है। होमगार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने होमगार्ड के वेतन को लेकर गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ बैठक की, जिसके बाद होमगार्ड के वेतन के लिए 320 करोड़ रुपये पारित किए गए। इन 320 करोड़ में से लगभग 314 करोड़ रुपये। वेतन के रूप में दिया गया है।

    होमगार्ड में काम करने वाले जवानों को अच्छी ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे वे अपनी ड्यूटी अच्छे से कर सकें। सभी संस्थाओं को होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी पर रखना चाहिए।

    -डॉ. भूषण उपाध्याय, पुलिस महानिदेशक, होमगार्ड