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होलिका दहन (Holika Dahan 2022) 17 मार्च और धूलिवंदन (Dhulivandan 2022) 18 मार्च को है।

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    मुंबई, इस साल 17 मार्च और 18 मार्च को होली (Holi 2022) मनाई जा रही है। मराठी दिनदर्शिका के अनुसार, होली साल का आखिरी और बड़ा त्योहार होता है। होली पूरे देश में बड़े पैमाने पर मनाई जाती है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन (Holika Dahan 2022) कर दूसरे दिन धूलिवंदन (Dhulivandan 2022) मनाया जाता है।

    पिछले दो साल से कोरोना (Corona Virus) के चलते होली का त्योहार अच्छे तरीके से नहीं मनाया गया। लेकिन, इस साल लोग होली का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाना चाहते हैं। इसी बीच राज्य सरकार ने होली और धूलिवंदन के लिए नए नियमों की घोषणा की है।

    इस बार होलिका दहन (Holika Dahan 2022) 17 मार्च और धूलिवंदन (Dhulivandan 2022) 18 मार्च को है। इस मौके पर महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने नए नियमों की घोषणा की है। कहा जा रहा है कि इन गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है।

    गृह मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से आदेश जारी कर कहा गया है कि, इन नियमों का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। अभी भी कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, इसलिए मास्क का उपयोग और सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए। कोरोना के मामले कम होने के बाद कई प्रतिबंधों में ढील दी गई है। हालांकि इस बार होली और धूलिवंदन के मौके पर गृह विभाग ने नए नियम जारी किए हैं।

    होली, धूलिवंदन के लिए राज्य सरकार के नए नियम

    • इस समय राज्य में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं चल रही हैं। इसलिए लाउडस्पीकरों का प्रयोग जोर से नहीं करना चाहिए।
    • सभी मंडल पदाधिकारियों के लिए कानून व्यवस्था का पालन करना अनिवार्य होगा। रात 10 बजे से पहले होली मनानी चाहिए।
    • होली पर पेड़ न काटें। अगर ऐसा किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
    • सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार होली के त्योहार के दौरान डीजे की अनुमति नहीं है। अगर कोई डीजे का इस्तेमाल करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
    • आम जनता को परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जाए। होली मनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि नशे में गलत व्यवहार न  करें।- होली के मौके पर इकट्ठा होने वाली महिलाओं और लड़कियों को कोई भी परेशान नहीं करेगा। मंडल  के पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस बात का ध्यान रखें। वे पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे।
    • महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले गहनों और कीमती सामानों का ध्यान रखें। होली के अवसर पर कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे आग लगे।
    • होली के कार्यक्रम में किसी भी जाति या धर्म की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाने वाली घोषणाएं न करें। साथ ही आपत्तिजनक होर्डिंग/बैनर नहीं लगाने चाहिए।
    • होली या धूलिवंदन  के अवसर पर किसी पर भी जबरन रंग, गुब्बारे और पानी की थैलियां नहीं फेंकनी चाहिए।