Image-Twitter-@jitendrazavar
Image-Twitter-@jitendrazavar

Loading

महाराष्ट्र: अक्सर बड़े बुजुर्ग हो या फिर कोई युवा हों उनके मुहं से हम सुनते है, कि देश सर्वोपरी, देश से बढ़कर कुछ नहीं, राष्ट्रप्रेम प्रथम। इसकी कई कहानियां भी फिल्मों के रूप में या फिर किताबों के रूप में भी हमारे सामने आती है। हम हमेशा जवानों के शौर्य के किस्से सुनते और पढ़ते हैं। अब वर्तमान में देश और दुनिया की स्थिति समय के साथ बदल गई है। जी हां जैसा कि  हम सब जानते है रक्षा क्षेत्र महिलाओं के लिए खुल गया है। ऐसे में अब बहादुर महिलाओं को पुरुष सैनिकों के साथ देश के सिमा पर ड्यूटी करते देखा जाता है। लेकिन इन महिलाओं को एक स्तर पर नहीं बल्कि दो स्तरों पर लड़ना होता है। कुछ ऐसी ही एक महिला जवान की  कहानी आपके लिए लाए है, जो आपका दिल छू लेगी…

महिला जवान का नेशन फर्स्ट

जैसा की अब हमने कहा कि  महिला सैनिकों को दो लड़ाईयां लड़नी होती है। क्योंकि महिला एक मां भी होती है। फिर ये योद्धा ड्यूटी को प्राथमिकता देते हुए नेशन फर्स्ट कहते हुए बॉर्डर पर चले जाते हैं। जी हां आपको बता दें कि इस पल का दिल छू लेने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे देख आपकी आंखें भी भावुकता से नम हो जाएगी। 

कोल्हापुर वर्षा पाटिल रियल हीरो 

आपको बता दें कि कोल्हापुर जिले के दारेचे वडगांव की वर्षा पाटिल भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में जवान हैं। वह मेडिकल लीव पर थीं। अपने 10 महीने के बच्चे को घर पर छोड़कर, वह एक बार फिर ड्यूटी स्टेशन ज्वाइन करने के लिए जा रही थी। वे कोल्हापुर से नियुक्ति के स्थान पर जाने के लिए अपने परिवारों को अलविदा कह रहे थे। उनका वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

कर्तव्य को प्राथमिकता

इस वीडियो की वायरल होने की वजह यह है कि वह अपने दस माह के बच्चे को घर पर छोड़कर जा रही थी। फिर बच्चे और परिवार को छोड़कर उसकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने मातृत्व और कर्तव्य में संतुलन बनाते हुए कर्तव्य को प्राथमिकता दी। बेशक महिला जवान वर्षा पाटिल की सोशल मीडिया पर भी खूब तारीफ हो रही है, यह वीडियो हर वो महिला के लिए आदर्श है जो खुद को किसी नेक स्थान पर देखना चाहती है। 

 

लोगों के लिए आदर्श है वर्षा पाटिल

जी हां समाज में बहुत से ऐसे लोग है जो  महिलाओं को कमजोर समझते है ये वीडियो एक मिसाल है और उनके मुंह पर तमाचा है। आज के दौर में  महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। वे न केवल अपने परिवार की देखभाल करते हैं, बल्कि उनके पास देश की देखभाल करने की भी शक्ति है। वर्षा पाटिल जैसी कई महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं। वे हमेशा देश, राष्ट्र पहले को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह वीडियो न केवल दिल को छू रहा है बल्कि इस वीडियो से देशप्रेम झलक रहा है साथ ही एक मां के ममता का भी दर्शन हो रहा है।