मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) के मानसून सत्र (Monsoon Session) की पूर्व संध्या पर मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस (Devendra Fadnavis) और अजीत पवार (Ajit Pawar) समेत कई नेता शामिल हुए। हालांकि, विपक्ष ने इस चाय पार्टी का बहिष्कार किया है।
बता दें कि महाराष्ट्र में मानसून सत्र 17 जुलाई सोमवार से शुरू हो रहा है। हाल ही में अजित पवार के इस्तीफा देने के बाद से विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद खाली है। 2 जुलाई को अजित पवार शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हुए और डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। साथ ही अजित पवार गुट के आठ अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
#WATCH | Maharashtra CM Eknath Shinde, Deputy Chief Ministers Devendra Fadnavis and Ajit Pawar attend a tea party in Mumbai ahead of the Monsoon session of Maharashtra Legislative Assembly. pic.twitter.com/KPJilkTAmv
— ANI (@ANI) July 16, 2023
इससे पहले उद्धव गुट के नेता और विधायक सुनील राउत ने कहा कि वे पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार करेंगे। पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा, “हम पारंपरिक चाय पार्टी (मानसून सत्र से पहले सरकार द्वारा आयोजित) का बहिष्कार करेंगे। लोग भ्रमित हैं कि सीएम कौन है- एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फड़नवीस या अजीत पवार …महाराष्ट्र में केवल दो ब्रांड हैं, एक ठाकरे ब्रांड और दूसरा शरद पवार ब्रांड।”
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) सदस्य और संसदीय परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा, “हमने राज्य सरकार के हाई टी निमंत्रण का बहिष्कार करने का फैसला किया है क्योंकि यह कई मोर्चों पर लोगों की समस्याओं को हल करने में विफल रही है। संवैधानिक मानदंडों पर इस सरकार की वैधता पहले से ही सवालों के घेरे में है।”
दानवे ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि सरकार ने विपक्ष पर दबाव बनाने के लिए जांच एजेंसियों का “दुरुपयोग” करने की नीति अपना रखी है। दानवे ने कहा, “हम महाराष्ट्र में लोकतंत्र की एक भयावह तस्वीर देख रहे हैं क्योंकि कई संवैधानिक मानदंडों की अवहेलना की जा रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री खुद अयोग्यता का सामना कर रहे हैं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या एनसीपी में विभाजन के मद्देनजर कांग्रेस विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर दावा करेगी? बालासाहेब थोराट ने कहा, “कांग्रेस के पास 45 विधायक हैं और हम एलओपी पद के लिए दावा कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, “हालांकि इस पद के लिए उम्मीदवार के नामांकन का फैसला दिल्ली में वरिष्ठ नेता करेंगे।”