Bombay High Court's big decision in Antilia case, NIA's application to cancel Naresh Gaur's bail was rejected by the court
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    मुंबई: मनसुख हिरेन हत्याकांड (Mansukh Hiren Murder Case) में एक नया मोड़ सामने आया है। जहां, बुधवार को एनआईए ने बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) के समक्ष दावा किया कि, पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा (Pradip Sharma) ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की “हत्या” में मुख्य साजिशकर्ता थे। इसके लिए सचिन वाज़े (Sachin Waze) ने उन्हें 45 लाख रुपये दिए थे। 

    एनआईए के मुताबिक, इस मामले के अन्य आरोपियों के साथ मिलकर शर्मा ने पुलिस आयुक्त के कार्यालय भवन के परिसर के अंदर इस हत्या की साजिश की गई थी। एनआईए ने अदालत में दायर एक चार्ज शीट में यह भी दवा किया है कि, हिरन को मारने के लिए बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े ने प्रदीप शर्मा को 45 लाख रुपये दिए थे।

    5 मार्च को मिला था मनसुख हिरेन का शव 

    बता दें कि, 25 फरवरी, 2021 को देश के बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास विस्फोटकों से लदी एक एसयूवी मिली थी। जिसके मालिक व्यवसायी मनसुख हिरन थे। उनकी हत्या कर दी गई थी। जो पिछले साल 5 मार्च को ठाणे में एक नाले में मृत पाए गए थे। इस मामले की जांच  एनआईए कर रही थी। जिसमें कई नामचीन पुलिस अधिकारियों का नाम सामने आया था। 

    प्रदीप शर्मा मनसुख हिरेन हत्या मामले के मुख्य साजिशकर्ता

    एनआईए ने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में दावा किया है कि, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा मनसुख हिरेन हत्या मामले के मुख्य साजिशकर्ता हैं। उन्हें 17 जून 2021 को गिरफ्तार किया गया था। वे फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं। एनआईए ने चार्जशीट में  दवा किया है कि, प्रदीप शर्मा ने दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर पुलिस कमिश्नर ऑफिस में कई बैठकें कीं और वहीं पर हत्या की साजिश भी रची गई।  जांच एजेंसी का दावा है कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने मनसुख हिरेन की हत्या के लिए प्रदीप शर्मा को 45 लाख रुपये दिए थे। 

    NIA ने जमानत याचिका का किया विरोध

    शिवसेना नेता और मुंबई पुलिस के पूर्व ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ प्रदीप शर्मा की जमानत की याचिका का विरोध करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने यह भी कहा कि, शर्मा निर्दोष नहीं है,वे इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता है। वहीं एनआईए ने आरोप लगाया कि, उन्होंने आपराधिक साजिश, हत्या और आतंकी कृत्यों के अपराध किए हैं। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 17 जुलाई की तारीख तय की है, अब 17 जुलाई को मामले में आगे की बहस होगी।