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    मुंबई: महाराष्ट्र विधान मंडल का मानसून सत्र बुधवार, 17 अगस्त से शुरू हो रहा है। इस सत्र के दौरान विपक्ष ने किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर शिंदे-फडणवीस सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है। विधानसभा में नेता विपक्ष अजीत पवार की अगुवाई में विरोधी दलों के नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि शिंदे-फडणवीस सरकार ने किसानों की मदद के नाम पर सिर्फ आंखों में धूल झोंकने का काम किया है। अजीत पवार ने राज्य में ओला-दुष्काल घोषित कर किसानों को 75 हजार प्रति हेक्टेयर और बागवानी के लिए 1.5 लाख रुपए की सहायता की मांग की है। 

    उन्होंने भारी बारिश वाले क्षेत्रों में छात्रों की शिक्षा शुल्क को भी माफ करने की मांग की है। इस मौके पर पवार के साथ कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात और शिवसेना नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल परब समेत विपक्ष के कई नेता मौजूद थे।

    कानून के हिसाब से सरकार नहीं

    अजीत पवार ने कहा कि जिस तरह से शिंदे-फडणवीस सरकार सत्ता में आई वह कानूनी लिहाज से सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सरकार का भाग्य सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी है। जिस पर फैसला आना बाकी है। अजीत पवार ने कहा कि हमने 10 दिनों के लिए सत्र आयोजित करने की मांग की थी, लेकिन सरकार विपक्ष के सवालों से भाग रही है।

    शिंदे गुट के विधायकों में मस्ती आ गई

    शिंदे गुट के विधायक संतोष बांगर द्वारा एक सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट किए जाने के मामले को लेकर नेता विपक्ष पवार ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अभी सत्ता ठीक से शुरू भी नहीं हुई, लेकिन शिंदे गुट के विधायकों में मस्ती आ गई है। पवार ने इस मामले में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से ध्यान देने की मांग की है।

    चाय पार्टी का बहिष्कार

    विपक्ष ने सत्र शुरू होने से एक दिन पहले आयोजित की जाने वाली चाय पार्टी का बहिष्कार किया। अजीत पवार ने कहा कि शिंदे-फडणवीस सरकार किसानों के मुआवजा से लेकर अन्य जरूरी मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही है। इस वजह से सरकार के साथ चाय पीने का कोई मतलब नहीं है।

    सरकार मुकाबला के लिए तैयार

    विपक्ष के प्रेस कांफ्रेंस के वाद सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि हम विपक्ष का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। सीएम शिंदे ने विपक्ष के उस आरोप को एक सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि नई सरकार किसानों को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रभावित किसानों को एनडीआरएफ के तय मानक की अपेक्षा दोगुना यानी प्रति हेक्टेयर 13,600 रुपए मुआवजा देने का निर्णय लिया गया। यही नहीं मुआवजे के लिए 2 हेक्टेयर की सीमा को भी बढ़ा कर 3 हेक्टेयर कर दी गई है। शिंदे ने कहा कि सरकार के निर्णय का फायदा नागपुर, चंद्रपुर, वर्धा, भंडारा, गढ़चिरौली समेत राज्य के अन्य जिले के किसानों को मिलेगा।

    संजय राठौड़ को क्लीन चिट

    सीएम शिंदे ने एक बार फिर दोहराया है कि कैबिनेट मंत्री संजय राठौड़ को एक मॉडल की आत्महत्या मामले में पुलिस से क्लीन चिट मिल गई है। ऐसे में अब विपक्ष द्वारा इस मुद्दे को उठाना उचित नहीं है।

    मानसून सत्र में छाए रहेंगे ये मुद्दे

    • भारी बारिश के कारण किसानों को नुकसान
    • बाढ़ की स्थिति
    • दागी विधायकों को मंत्री बनाए जाने का मुद्दा
    • पिछली सरकार के कार्यों की जांच
    • विपक्षी विधायकों के क्षेत्र में फंड आवंटन का मुद्दा