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बंबई उच्च न्यायालय File Photo

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औरंगाबाद : मुंबई हाई कोर्ट (Mumbai High Court) में औरंगाबाद (Aurangabad) का नामांतर छत्रपति संभाजीनगर (Chhatrapati Sambhajinagar) करने और उस्मानाबाद (Osmanabad) का नामांतर धाराशिव (Dharashiv) करने को लेकर दायर की गई तीन अलग-अलग याचिकाओं पर दोबारा सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति मारने के बेंच के सामने याचिका कर्ता हिशाम उस्मानी, मुश्ताक अहमद द्वारा दायर की गई याचिकाओं (Petitions) पर सुनवाई हुई। 

सुनवाई के दरमियान याचिकाकर्ता हिशाम उस्मानी के वकील एसएस काजी ने पैरवी की। उन्हें एड. खीजर पटेल ने भी सहकार्य किया। सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की वकील ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नामांतर करने के बारे में केंद्र सरकार द्वारा दी गई एनओसी और जारी किए गए नोटिफिकेशन से कोर्ट को अवगत कराते हुए उस पर अमेंडमेंट चैलेंज किया। इस पर हाईकोर्ट ने 24 मार्च तक नामांतर के बारे में अपने जवाब पेश करने के आदेश केंद्र सरकार को दिए।

याचिकाकर्ता के वकील एसएस काजी ने बताया कि शहरों के नामांतरों को लेकर इस याचिका पर अंतिम सुनवाई 27 मार्च को होगी। उधर याचिकाकर्ता मोहम्मद हिशाम उस्मानी ने विश्वास जताया कि उन्हें न्याय जरुर मिलेगा। उधर उस्मानाबाद शहर का नामांतर करने के खिलाफ दायर याचिका पर एड.  तलेकर ने पैरवी की। बता दें कि गत सप्ताह ही ऐतिहासिक औरंगाबाद शहर के नामांतर को केंद्र सरकार ने मंजूरी देकर उसका नाम छत्रपति संभाजीनगर करने को परमिशन दी है। औरंगाबाद के अलावा उस्मानाबाद शहर का नामांतर धाराशिव करने को भी मंजूरी दी गई है। केंद्र सरकार के पहले आदेश में सिर्फ औरंगाबाद शहर का नाम छत्रपति संभाजीनगर करने को परमिशन दी थी। औरंगाबाद शहर सहित जिले को छत्रपति संभाजीनगर करने को परमिशन दी गई।  केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद जिला और महानगरपालिका प्रशासन ने भी शहर और जिले का नामांतर करने के लिए जरुरी प्रक्रिया पर युद्ध स्तर पर काम शुरु किया गया है।