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नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: कोविड काल (Covid Perid) के दौरान बीएमसी (BMC) प्रशासन पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप हैं। कई मामलों की जांच चल रही है। इस बीच नया मामला सामने आया है कि कोविड काल के दौरान खर्च किए गए (Expenditure) 4 हजार करोड़ (Crore) रुपए का ब्योरा (Detail) बीएमसी के पास उपलब्ध (Available) ही नहीं है। इसका खुलासा जन सूचना अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ है। 

आरटीआई की जानकारी में हुआ खुलासा 
मुंबई में एक कार्यक्रम में बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने दावा किया था कि कोविड काल में 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस संबंध में जन सूचना अधिकार के तहत जानकारी बीएमसी से मांगी थी। बीएमसी द्वारा दिए गए जवाब से चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि मनपा के पास कोविड काल में हुए 4 हजार करोड़ रुपए के खर्च का ब्योरा उपलब्ध नहीं है। 

 
 
जानकारी उपलब्ध नहीं
बीएमसी आयुक्त कार्यालय ने गलगली के आवेदन को उप मुख्य लेखापाल (स्वास्थ्य) को स्थानांतरित कर दिया था। उप मुख्य लेखापाल (स्वास्थ्य) लालचंद माने ने यह कहते हुए आवेदन उपायुक्त (सार्वजनिक स्वास्थ्य) को स्थानांतरित कर दिया कि रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध नहीं है। प्रशासनिक अधिकारी सी.जी. आढारी ने आवेदन प्रधान लेखापाल (वित्त) को स्थानांतरित कर दिया। लेखा अधिकारी राजेंद्र काकड़े ने कहा कि जानकारी उपलब्ध नहीं है और आवेदन को फिर से उप मुख्य लेखापाल (स्वास्थ्य) को स्थानांतरित कर दिया गया। 

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की मांग 
कोविड के समय में बीएमसी प्रशासन पर लगे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों की केंद्रीय जांच एजेसियां व मुंबई पुलिस जांच कर रही है। वहीं बीएमसी आयुक्त खुद 4 हजार करोड़ का हिसाब देने में असफल दिख रहे हैं। यह मामला गंभीर है। वेबसाइट पर कोविड काल में हुए हर एक खर्च की जानकारी प्रकाशित की जानी चाहिए।