Sachin Sawant

    Loading

    मुंबई: जब से केंद्र (Center) में नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) सत्ता में आई है, वह महत्वपूर्ण संस्थानों को महाराष्ट्र (Maharashtra) से बाहर ले जाकर राज्य के महत्व को कम करने की कोशिश कर रही है। यह हमला महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव सचिन सावंत (Sachin Sawant) ने किया है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल वर्कर्स एजुकेशन बोर्ड का मुख्यालय, जो 1958 में नागपुर (Nagpur) में स्थापित किया गया था, उसे भी दिल्ली (Delhi) शिफ्ट कर दिया गया है। 

    इस संबंध में सचिन सावंत ने कहा कि 1958 में स्थापित केंद्रीय श्रम शिक्षा बोर्ड ने विभिन्न सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर जागरूकता पैदा करके संगठित और असंगठित श्रमिकों के सशक्तिकरण के लिए काम किया है। किसी अन्य सरकार को नागपुर मुख्यालय से कोई समस्या नहीं थी, लेकिन पीएम मोदी को यह मुश्किल लगा और उन्होंने महाराष्ट्र से एक और महत्वपूर्ण कार्यालय को राज्य से  बाहर स्थानांतरित करने की अपनी इच्छा को पूरा किया है। इस मुख्यालय के अंतर्गत देश में 50 संभागीय कार्यालयों, 9 अनुमंडल कार्यालयों तथा 6 संभागीय कार्यालयों का कार्य किया जाता है। 

    सभी को विरोध करने की जरूरत 

    सचिन सावंत ने कहा कि साल 2014 के बाद से मोदी सरकार ने जानबूझकर मुंबई और राज्य के अहम संस्थानों को बाहर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। मुंबई के बीकेसी में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र को गुजरात के गांधीनगर में स्थानांतरित कर दिया गया है।  पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क कार्यालय दिल्ली में स्थानांतरित हो गए है।  राष्ट्रीय समुद्री पुलिस अकादमी को पालघर से द्वारका, गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया। मुंबई में पोर्ट ट्रस्ट में किए जा रहे शिप रैकिंग कार्य को गुजरात के अलंग में स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा रही है। मुंबई हवाई अड्डे के कार्यालय को गुजरात में स्थानांतरित करने के प्रयासों को हाल ही में विफल कर दिया गया है। सावंत ने कहा कि मोदी सरकार लगातार राज्य के आर्थिक महत्व को कम करने की कोशिश कर रही है, यही वजह है कि नागपुर में केंद्रीय श्रम शिक्षा बोर्ड के कार्यालय को स्थानांतरित कर दिया गया है। इसका सभी को विरोध करने की जरूरत है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश के भाजपा नेता इस पर खामोश हैं।