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  • राष्ट्रीय स्तर पर छिड़ी मुहिम
  • हलाल सर्टिफिकेशन के पैसे से आतंकवाद को बढ़ावा
  • देशभर में उठी प्रतिबंध लगाने की मांग

मुंबई: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘हलाल प्रमाणित’ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाकर भारत की अर्थव्यवस्था पर आक्रमण रोकने के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। जिस प्रकार मुगलों के काल में ‘जिजिया कर’ था, उसी प्रकार अब ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ के रूप में निजी कर इस्लामी संस्थाओं ने लागू किया है। इसे भारत सरकार की कोई भी मान्यता नहीं मिली है। ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ से मिला पैसा विभिन्न बम विस्फोट के आतंकवादियों को छुड़वाने के लिए उपयोग किया जाता है। हिंदू व्यापारियों पर जबरन थोपे गए ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारत की सुरक्षा से हो रहा खिलवाड़ रुकेगा। इसके साथ ही हिंदू व्यापारियों के आर्थिक शोषण पर भी अंकुश लगेगा। ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ के नियमों में उत्पादकों को अपने प्रतिष्ठान में दो मौलानाओं की नियुक्ति करने जैसा घातक नियम भी लागू किया था, अब उत्तर प्रदेश में तो यह ‘थोपा गया रोजगार’ थम गया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू फैसले की तरह संपूर्ण देश में गैरकानूनी तरीके से चल रहे ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ पर प्रतिबंध लगाएं, ऐसी मांग हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने की। वे हिंदू जनजागृति समिति की ओर से ‘हलाल व्यापार पर योगी के प्रहार’ विषय पर आयोजित विशेष संवाद में बोल रहे थे। शिंदे ने इस विषय पर जागृति करने के लिए ‘हलाल जिहाद, भारतीय अर्थव्यवस्था पर आक्रमण’ यह पुस्तक लिखी है। 

हिंदू व्यापारियों का हो रहा शोषण
रमेश शिंदे ने कहा कि भारत में सरकार के ‘FSSAI’ एवं ‘FDA’ जैसे खाद्य पदार्थों का  प्रमाणीकरण करने वाली संस्थाओं के होते हुए भी ‘हलाल’ के नाम पर निजी इस्लामी संस्थाएं हलाल प्रमाणपत्र जबरन थोपकर हिंदू व्यापारियों का शोषण कर रही हैं। ‘हलाल सर्टिफिकेट’ बाहर के इस्लामिक देशों की आवश्यकता है। मुस्लिम महासंघ ने अब सार्वजनिक रूप में कह रहे है कि ‘हलाल सर्टिफिकेट’ गेहूं, चावल जैसे अनाज को भी दिया जाता है, यह हमें भी पता नहीं था। ऐसा कहीं भी हमारे ग्रंथ में नहीं लिखा गया है। 
 

शिया मुसलमान बहुल देश में मान्यता नहीं
‘जमियत-उलेमा-ए-हिंद’ के ‘हलाल सर्टिफिकेटन’ की शिया मुसलमान बहुल देश में मान्यता नहीं है। हलाल सर्टिफिकेट ‘डेटिंग वेबसाईट’, ‘लिपस्टिक’ जैसी वस्तुओं पर क्यों लादा गया, यह भी समाज के सामने आना चाहिए। हलाल मांस की विक्री पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहीं भी प्रतिबंध नहीं लगाया, तब भी अन्य जीवनावश्यक उत्पादों पर गैरकानूनी ढंग से लागू किए गए ‘हलाल सर्टिफिकेटन’ पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस अवसर पर शिंदे ने यह भी आवाहन किया कि ग्राहकों को ऐसे ‘हलाल प्रमाणित’ उत्पादों का बहिष्कार करना चाहिए।