Devendra Fadnavis
देवेंद्र फडणवीस

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सत्यप्रकाश मिश्र@नवभारत 

मुंबई: राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में ठेके पर भर्ती के निर्णय पर मचे राजनीतिक घमासान को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Denvendra Fadnavis) ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि ठेके पर भर्ती (Contract Recuitment) का फैसला सबसे पहले कांग्रेस राकां की सरकार ने ही लिया था। शुक्रवार को मुंबई के सह्याद्रि गेस्ट हाउस पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि शरद पवार के आशीर्वाद और तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के हस्ताक्षर से शुरू हुई ठेका भर्ती का पाप हम नहीं ढो सकते, इसलिए ठेकों पर भर्ती का सभी जीआर रद्द (Cancel) किया जा रहा है।  फडणवीस ने कहा कि आज विपक्ष में बैठे लोगों ने उस समय स्वयं निर्णय लिया था और अब उसी जीआर के खिलाफ आंदोलन के नाम पर युवाओं को भड़काते हुए इन्हें शर्म लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ठेका भर्ती पर ठाकरे सरकार का फैसला रद्द किया जा रहा है। उनका पाप हम अपने माथे पर नहीं लेंगे। 

2003 से चल रही ठेका भर्ती
राज्य में पुलिस व शिक्षक पदों पर ठेका भर्ती का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों ने आंदोलन शुरू कर दिया था। इस मामले में एनसीपी नेता शरद पवार पिछले दिनों स्वयं सरकार पर हमलावर हुए। इसके बाद शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि राज्य में ठेका भर्ती 2003 से चल रही है, 2003 में सर्व शिक्षा अभियान में ठेका भर्ती तत्कालीन सीएम सुशील कुमार शिंदे ने की। 

2010 में अशोक चव्हाण ने की भर्ती
वर्ष 2010 में अशोक चव्हाण के मुख्यमंत्रित्व काल में लोक निर्माण विभाग में ड्राइवरों, डेटा एंट्री ऑपरेटरों, तकनीकी पदों, क्लर्कों, कांस्टेबलों के लिए 400 पदों पर भर्ती की गई। उन्हीं के कार्यकाल में 2010 के बाद भी स्कूली शिक्षा और खेल विभाग में ड्राइवर, डेटा एंट्री ऑपरेटर, अकाउंट क्लर्क, कांस्टेबल, रिसोर्स पर्सन, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, स्पेशल टीचर, मोबाइल टीचर आदि के 6000 पदों पर ठेके पर नियुक्ति हुई। 

पृथ्वीराज चव्हाण ने की ठेका भर्ती
इसी तरह सीएम पृथ्वीराज चव्हाण के कार्यकाल में 2011 में 405 एमआईएस को ऑर्डिनेटर, 405 डेटा एंट्री ऑपरेटर, 2,156 एकाउंटेंट और सहायक पद ठेके पर भरे गए। 2011 में राजीव गांधी जीवनदायिनी योजना में संविदा पद, 2013 में सामाजिक न्याय विभाग में समता दूत, स्वीपर, क्लर्क, विशेष ड्यूटी अधिकारी, ड्राइवर, सिपाही, तालुका समन्वयक, हॉस्टल गार्ड, प्रोजेक्ट ऑफिसर, कुक आदि पद भरे गए। 2014 से 1,069 पद भरे गए। 

उद्धव के समय में ठेके पर 300 भर्ती
इसके साथ उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में आदिवासी विकास विभाग में 2020 से 300 पद अनुबंध पर भरे जाने की जानकारी उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने दी। 

पुलिस भर्ती पर भ्रम
गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुंबई पुलिस फोर्स में ठेके पर भर्ती के बारे में भी भ्रम फैलाया जा रहा है। मुंबई पुलिस बल में कोई ठेका भर्ती नहीं है। फडणवीस ने कहा कि नियमित पुलिस भर्ती चल रही है और जल्द ही 18,331 पुलिसकर्मियों को सेवा में शामिल कर लिया जाएगा। इनमें मुंबई में 7,076 पुलिस कांस्टेबल और 994 ड्राइवर हैं। उन्होंने कहा कि स्थायी पुलिस भर्ती में नियुक्ति करने के पहले एक साल की ट्रेनिंग में समय जाता है, इसलिए, महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा मंडल जो सरकार से संबंधित है, उनकी सेवाएं भी नियमित रूप से ली जाती हैं।  स्थायी पुलिस बल शामिल होने तक जरूरत के अनुसार 3,000 पुलिसकर्मियों के उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। फडणवीस ने फिर स्पष्ट किया कि पुलिस बल में ठेके पर भर्ती नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस में ठेका भर्ती को लेकर सिर्फ गलत प्रचार किया जा रहा है। 

2021 से शुरू हुई प्रक्रिया
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस पर बवाल मचाया जा रहा है, वह प्रक्रिया सितंबर 2021 से ही शुरू हुई। इसकी सिलसिलेवार जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि 1 सितंबर 2021 को आरपीएफ ड्राफ्ट को सरकार की मंजूरी, 2 सितंबर 2021 को महाटेंडर पोर्टल पर आरपीएफ ड्राफ्ट का प्रकाशन, 9 सितंबर 2021 को प्री-टेंडर बैठक, 31 जनवरी 2021 को टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि थी। 1 फरवरी 2022 को निविदाएं खोली गई, 23 फरवरी 2022 को टेक्निकल इवोल्यूशन स्टेटमेंट पोर्टल पर प्रकाशित, 8 अप्रैल 2022 को निविदाएं खोली गईं, 25 अप्रैल 2022 को एजेंसी के साथ वार्ता की पहली बैठक, 27 अप्रैल को एजेंसी के साथ वार्ता की दूसरी बैठक एवं 23 मई 2022 को वित्त विभाग ने मान्यता दी। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में संविदा भर्ती के दोषी लोग ही हंगामा कर रहे हैं। उनके झूठ को बेनकाब करने के लिए की जनता के सामने सच्चाई रख रहे हैं। फडणवीस ने बेनक़ाब करने की चेतावनी देते हुए कहा कि ठेका भर्ती प्रक्रिया का शतप्रतिशत पाप उद्धव गुट, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी का है। उन्हें महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए।