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शैलेंद्र सिंह @ नवभारत

पुणे: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे में जिस तरह से ड्रग के मामले सामने आ रहे हैं, कहना गलत नहीं होगा कि महाराष्ट्र में मुंबई के बाद यदि नशीली दवाओं (ड्रग्स) की सबसे अधिक कहीं डिमांड हो रही है तो वह शहर है पुणे. पिछले दिनों पुणे के ससून अस्पताल के बाहर ड्रग्स की बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद से पुणे चर्चा का केंद्र बना हुआ है. युवाओं में ड्रग्स की खपत बढ़ रही है और पिछले दस महीनों में पुणे में 14 करोड़ रुपये कीमत से अधिक मूल्य के ड्रग्स जब्त किये गए हैं। जानकारों की मानें तो युवा ड्रग उपयोगकर्ताओं के बीच मेफेड्रोन की सबसे अधिक मांग है।

पुणे को बड़े बाजार के तौर पर देख रहे हैं तस्कर 

शिक्षा का केंद्र होने के नाते पुणे शहर में बड़ी संख्या में विद्यार्थी शिक्षा के लिए पुणे आते हैं। इसके अलावा आईटी सिटी  होने के नाते यहां बड़ी संख्या में आईटी प्रोफेशनल भी रहते हैं। पुणे में रोजगार के बढ़ते अवसरों के मद्देनजर देश के अन्य हिस्सों से भी लोग पुणे का रुख कर रहे हैं। और यही वजह है कि यहां युवाओं की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जानकारों की माने तो युवाओं की एक बड़ी तादात है, जो नशे के आदी हैं और यही वजह है कि ड्रग्स स्मगलर्स  पुणे को एक तैयार और ड्रग के लिहाज से एक बड़े बाजार के तौर पर देख रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ड्रग्स में मुख्य रूप से एमडी, कोकीन, गांजा, चरस, एलएसडी।

ड्रग्स की खरीद फरोख्त में बेतहाशा वृद्धि

पुणे पुलिस के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एंटी नारकोटिक्स सेल ने पिछले दस महीनों में ड्रग्स बिक्री के संबंध में 120  मामले दर्ज कर लगभग 143 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्ही 10 महीनों में शहर के अलग-अलग हिस्सों में चलाए गए ऑपरेशन में पुलिस ने 14 करोड़ रुपये कीमत से भी अधिक मूल्य के ड्रग्स जब्त किये हैं। यदि पिछले दो सालों पर नजर डाले तो शहर में ड्रग्स की जब्ती में बेतहाशा वृद्धि हुई है। एंटी नारकोटिक्स  सेल ने साल 2021 में 107  मामले दर्ज कर 154 लोगों को गिरफ्तार किया और लगभग ढाई करोड़ के ड्रग्स भी जब्त किये। वहीं साल 2022 में 150 मामले दर्ज हुए, जिसमे 200 लोगों की गिरफ़्तारी हुई और लगभग 9.5 करोड़ रुपये कीमत के ड्रग्स भी जब्त हुए। 

ड्रग्स उपयोग के संभावित स्थानों की बढ़ाई निगरानी

पुणे के पुलिस आयुक्त रितेश कुमार ने नशीली दवाओं के बढ़ते खतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की है। नवभारत को उन्होंने बताया कि ड्रग्स को लेकर वे जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहे हैं। इससे निपटने के लिए पुलिस ने देर रात तक चलने वाले रेस्तरां, बार और क्लब जैसे प्रतिष्ठानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, निगरानी बढ़ा दी है। शैक्षणिक संस्थानों और ड्रग्स का सेवन करने वाले संभावित अन्य स्थानों जहां पर युवाओं का जमावड़ा अधिक होता है, ऐसे स्थानों पर भी पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। 

ड्रग्स के मामले को लेकर हम जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहे हैं। हमारी रेड लगातार जारी है. यही वजह है कि इस साल ड्रग्स के सीजर की मात्रा अधिक है। शैक्षणिक संस्थानों और  रेस्तरां, बार और क्लब जैसे स्थान, जहां युवकों की संख्या अधिक होती है, ऐसे स्थानों पर पुलिस की नजर है।  इसके अलावा ड्रग्स के मामलों पर नकेल कसने के लिए युवाओं में जागरूकता अभियान के साथ साथ ड्रग्स के खरीद फरोख्त वाली संभावित इलाकों में पुलिस ने दबिश देना शुरू कर दिया है। 
                                                                                                    – रितेश कुमार, पुलिस आयुक्त, पुणे शहर                          

पुणे शहर महाराष्ट्र में दूसरे रैंक का शहर है।  यहां आईटी प्रोफेशनल और नौजवानों की तादात अधिक है। पुणे में पहले से ही रेव पार्टियां होती रही हैं। ड्रग स्मगलर्स को रेडी कंज्यूमर चाहिए होते हैं, जोकि पुणे में हैं।  जैसे जैसे शहर का विकास होता है वैसे वैसे डिमांड भी बढ़ती है। 
                                                                         – पीके जैन, पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, महाराष्ट्र