
मुंबई: बीजेपी (BJP) के विधान परिषद सदस्य (MLC) गोपीचंद पडलकर (Gopichand Padalkar), डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) पर कमेंट कर मुसीबत में घिर गए हैं। अजीत गुट के विधायक (MLA) अमोल मिटकरी (Amol Mitkari) ने कहा है कि उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर की जुबान पर लगाम लगानी चाहिए। इतना ही उन्होंने जोरदार हमला करते हुए कहा कि पडलकर की पहचान एक मंगलसूत्र चोर की है। उन्होंने साफ़ तौर से अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर समय रहते हुए बीजेपी के इस विधायक पर लगाम नहीं लगाया गया तो फ़िर अजित पवार का कार्यकर्ता अच्छी तरह से जानता है, उन्हें कैसे रोकना है।
कैसे शुरू हुआ विवाद
हाल ही में बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने डिप्टी सीएम अजित पवार को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसके बाद यह बवाल बढ़ गया। उन्होंने महाराष्ट्र में धनगर समुदाय के मुद्दों पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा है। हालांकि जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि उन्होंने इस बारे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पत्र क्यों नहीं लिखा तो पडलकर ने जवाब दिया कि राकां नेता एक चालाक भेड़िये का चालाक शावक हैं और उनसे संपर्क करने की कोई जरूरत नहीं है।
हाल ही में बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने डिप्टी सीएम अजित पवार को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसके बाद यह बवाल बढ़ गया। उन्होंने महाराष्ट्र में धनगर समुदाय के मुद्दों पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा है। हालांकि जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि उन्होंने इस बारे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पत्र क्यों नहीं लिखा तो पडलकर ने जवाब दिया कि राकां नेता एक चालाक भेड़िये का चालाक शावक हैं और उनसे संपर्क करने की कोई जरूरत नहीं है।
इस बयान के बाद अजित पवार गुट के नेताओं ने बीजेपी विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राकां सांसद सुनील तटकरे ने कहा कि वे अपने नेता के बारे में दिए गए इस तरह के बयान को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने डीसीएम फडणवीस से पडलकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
महायुति धर्म का पालन करना जरूरी
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष- चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, गोपीचंद पडलकर ने जिस तरह से डिप्टी सीएम अजित पवार के बारे में कमेंट किया है, वह राज्य की संस्कृति से बाहर है। भारतीय जनता पार्टी इस तरह के बयान का कभी भी समर्थन नहीं करेगी। मतभेद पैदा करना और व्यक्तिगत आलोचना करना राज्य की संस्कृति नहीं है। मैं अजित पवार को लेकर दिए गए बयान के लिए भी खेद प्रकट करता हूं।