Haffkine

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    मुंबई: महाराष्ट्र में सांप काटने (Snake Bite) की घटनाएं बढ़ती जा रही है। दूर दराज खासकर ग्रामीण इलाकों में खेती में काम करने वाले किसानों, मजदूरों को सांप काटने के बाद सही समय पर उपचार नहीं मिलने से मौत हो जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए अब हाफकिन ने सर्पदंश विरोधी संजीवनी किट (Snake Bite Sanjeevani Kit ) तैयार किया है। इससे गोल्डन ऑवर (Golden Hour) में लोगों का उपचार किया जा सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Health Minister Rajesh Tope) ने हाफकिन का दौरा कर उसके द्वार तैयार किए जा रहे एंटीवेनम का जायजा लिया।

    महाराष्ट्र में प्रति वर्ष लाखों में सांप काटने की घटनाएं होती हैं। सही समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण कई बार लोगों की मौत हो जाती है। हाफकिन की तरफ से बताया गया कि कई बार सांप काटने से होने वाली मौत के आंकड़े भी दर्ज नहीं किए जाते। गांवों से प्राथमिक उपचार केंद्र, अस्पताल दूर होने के कारण अस्पताल तक लाते हुए मौत हो जाती है। जिन लोगों को सांप कटते हैं उनमें 60 प्रतिशत लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आई है। विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि सांप काटने के बाद पहला एक घंटा बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसे गोल्डन ऑवर कहा जाता है। इस दौरान एंटी स्नैक वेनम सिरम मिलने पर मरीज की जान बचाई जा सकती है।

    सर्पदंश संजीवनी किट में क्या रहेगा?

    हाफकिन द्वारा तैयार किए गए सर्पदंश विरोधी संजीवनी किट में दवा, सिरिंज, आइनमेंट,बैंडेज, रुई, बैंडेज पट्टी के अलावा जानकारी के लिए पुस्तिका भी रखी गई है। कैसे उपचार किया जाए इसकी जानकारी इस पुस्तिका में दी गई है। सांप काटने का इंजेक्शन डॉक्टरों की देखरेख में ही दिया जाता है। कई बार डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते हैं। स्किल्ड लैब योजना के अंतर्गत सक्षम पैरामेडिकल कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाता है जिससे वे उपचार कर सकें। प्रयोग के तौर पर जालना जिले में इसकी शुरुआत की जाएगी। इस अवसर पर हाफकिन औषिधक बोर्ड के प्रबंध निदेशक मदन नागरगोजे, निदेशक सुभाष शंकरवार, निदेशक (क्रय) सुषमा पाटिल और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।