मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) विधान मंडल का शीतकालीन सत्र (Winter Session) 7 दिसंबर (December) से शुरू (Start) होगा। बुधवार को विधानभवन में आयोजित विधानसभा और विधान परिषद कामकाज सलाहकार समिति ( बीएसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। 6 दिसंबर को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस को देखते हुए पहले शीतकालीन सत्र की तारीख आगे बढ़ाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी नागपुर में परंपरागत रूप से आयोजित होने वाला यह सत्र पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 7 दिसंबर से ही शुरू होगा और 20 दिसंबर तक चलेगा।
कई नेता रहे मौजूद
बीएसी की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे, विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, दोनों सदनों के सदस्यों एवं विधि मंडल के सचिव जितेंद्र भोले आदि प्रमुख लोगों की उपस्थिति में ये निर्णय लिया गया।
शीत सत्र में होगी गरमागरम बहस
महाराष्ट्र में हाल के दिनों में हुई बेमौसम की बारिश के कारण हुए फसलों को हुए नुकसान के कारण किसानों के मुद्दे एवं मराठा आरक्षण एवं ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सूबे में जारी रार के कारण शीतकालीन सत्र के दौरान गरमागरम बहस की पूरी आशंका है। विपक्ष के नेताओं ने इन मुद्दों को लेकर शिंदे सरकार को घेरने की योजना बनाई है।
मराठा आरक्षण मुख्य मुद्दा रहेगा
विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे ने कहा है कि शीतकालीन सत्र के दौरान मराठा आरक्षण का मुद्दा प्रमुख रहेगा। उन्होंने कहा कि इस समुदाय की शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग पर एक महत्वपूर्ण चर्चा के संकेत दिए हैं। गोर्हे ने कहा कि हम इस मुद्दे पर सभी पक्षों से चर्चा कर समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण पर फैसला लेने के लिए शिंदे सरकार को 24 दिसम्बर का अल्टीमेटम दिया है।