Meet Bharip Bahujan Federation founder Prakash Ambedkar today at 8 pm

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मुंबई. भारिप बहुजन महासंघ के संस्थापक प्रकाश आंबेडकर, ‘कोविड के पश्चात्: प्रशासनिक चुनौतियां’ विषय पर चर्चा करने आज रात 8 बजे ‘नवभारत e-चर्चा’ कार्यक्रम में आप से मुलाकात करेंगे । वह नवभारत के फेसबुक (https://www.facebook.com/enavabharat) पेज से हमारे साथ लाइव होंगे। प्रकाश यशवंत आम्बेडकर का जन्म 10 मई 1954 को मुंबई (तब बॉम्बे) में हुआ था। उनके पिता का नाम यशवंत आम्बेडकर और माता का नाम मीराबाई आम्बेडकर हैं।  वे भारत रत्न डॉ॰ भीमराव आम्बेडकर के पौत्र हैं। प्रकाश आम्बेडकर अपने दादा, भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाने जाते डॉ॰ भीमराव आम्बेडकर द्वारा नामित किए गए थे। अंबेडकर परिवार नवयान बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। उनके दो छोटे भाई भीमराव और आनंदराज और एक बहन रमाबाई है, जिनका विवाह आनंद तेलतुम्बडे से हुआ है। प्रकाश अंबेडकर की शादी अंजलि मायादेव से हुई है, जिनसे उन्हें एक बेटा है।

1972 में उन्होंने सेंट स्टेनिस्लॉस हाई स्कूल, मुंबई से अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी की। 1978 में, उन्होंने सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स से बैचलर ऑफ़ आर्ट्स (बीए) किया, और 1981 में उन्होंने मुंबई के सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ़ लॉ में बैचलर ऑफ़ लॉ (LLB) की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1982 के बाद से पूरे भारत में कई सामाजिक, धार्मिक एवं राजनैतिक आंदोलनों का नेतृत्व किया। यह बालासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, एक भारतीय राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और वकिल हैं। 4 जुलाई 1994 को, प्रकाश आम्बेडकर ने भारिपा बहुजन महासंघ की स्थापना की। भारिपा बहुजन महासंघ ने अकोला नगरपालिका चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी जैसे राजनीतिक दलों के साथ चुनाव लडे और विजयी रही। पार्टी का विस्तार 1995 के बाद जारी रहा जब कुछ गैर-दलित दल और संगठन भारिपा बहुजन महासंघ में शामिल हो गए। आम्बेडकर 1990 – 1996 के दौरान राज्यसभा के सदस्य थे। उन्हें 1998 में अकोला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 12 वीं लोकसभा चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। 

दूसरी बार उसी निर्वाचन क्षेत्र से 1999 में, उन्हें 13 वीं लोकसभा चुनावों के लिए भारिपा बहुजन महासंघ के उम्मीदवार के रूप में चुना गया और वे 2004 तक लोकसभा के सदस्य रहे। प्रकाश आम्बेडकर ने 20 मार्च 2018 को अपनी विचारधारा के साथ नई राजनीतिक पार्टी वंचित बहुजन अगाड़ी की स्थापना की जिसमें मुख्य रूप से संविधानवाद, अम्बेडकरवाद, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और प्रगतिवाद पर जोर दिया गया। वंचित बहुजन अगाड़ी ने एक साल बाद 15 मार्च 2019 को लोकसभा के लिए 2019 के चुनाव से पहले एक राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत किया। यह लगभग 100 छोटे राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों द्वारा समर्थित है। प्रकाश आम्बेडकर वंचित बहुजन अगाड़ी के सुप्रीमो हैं। 14 मार्च 2019 को, आम्बेडकर ने घोषणा की कि भारिप बहुजन महासंघ का वंचित बहुजन अगाड़ी में विलय होगा। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद भारिप-बहुजन महासंघ का वंचित बहुजन अगाड़ी के साथ विलय हो जाएगा, क्योंकि वंचित बहुजन अगाड़ी एक व्यापक अर्थ में स्वीकार्य है। आम्बेडकर 2019 के लोकसभा चुनाव में अकोला और सोलापुर दोनों से चुनाव लड़े और हार गए।