MITI RIVER

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    मुंबई. मुंबई मेट्रोपॉलिटन रिजन डेवलपमेंटअथॉरिटी (MMRDA) ने मीठी नदी ( Mithi River) के सौंदर्यीकरण की योजना बनाई है। मुंबई (Mumbai) की बहुचर्चित मीठी नदी के विकास (Development) पर मनपा (BMC), एमएमआरडीए के साथ  राज्य व केंद्र की मदद से अब तक हजारों करोड़ खर्च हो चुके हैं। सांताक्रुज-चेम्बुर लिंक रोड पर माहिम क्रिक तक सीएसटी ब्रिज से होकर बहने वाली मीठी नदी की कुल लंबाई लगभग 17.84 किलोमीटर है।  गंदे नाले में तब्दील हो चुकी मीठी नदी को जुलाई 2005 में मुंबई में आई भीषण बाढ़ के बाद विकसित करने का निर्णय लिया गया। 

    मीठी नदी के लगभग 6 किलोमीटर के विकास व सौंदर्यीकरण की जिम्मेदारी  एमएमआरडीए की है।  एमएमआरडीए आयुक्त आर ए राजीव ने हाल ही में मीठी नदी के किनारों का दौरा कर सौंदर्यीकरण योजना की समीक्षा की। बताया गया कि मीठी  रिवरफ्रंट को विकसित  करने की योजना अंतिम चरण में है। बीएमसी ने भी मीठी नदी विकास परियोजना के लिए सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की है।

    बायो-इंजीनियरिंग से पानी में सुधार

    मीठी नदी के पानी को शुद्ध करने के साथ कचरे को रोकने के लिए बायो-इंजीनियरिंग तकनीक का उपयोग का उपयोग किया जाएगा। एमएमआरडीए के अनुसार रिवरफ्रंट के सौंदर्यीकरण के साथ पानी की गुणवत्ता में सुधार प्रमुख  लक्ष्य होगा । पायलट प्रोजेक्ट के तहत मिठी नदी का कायाकल्प कर आस-पास के क्षेत्र को सुशोभित किया जाएगा ताकि इसे गंध और प्रदूषण से मुक्त किया जा सके। उल्लेखनीय है कि आपातकालीन स्थितियों में उपयोग करने के अलावा अतिरिक्त आय के लिए  एक हेलीपैड भी विकसित किया जाएगा । ड्रोन का उपयोग करके क्षेत्र की मैपिंग की जाएगी। बताया गया है कि एमएमआरडीए ने  एक निजी कंपनी के साथ समझौता किया है जो  मीठी नदी में एक वाटर रिसाइकिलिंग संयंत्र स्थापित करेगा। अधिकारियों का दावा है कि मीठी नदी का पानी प्रक्रिया कर पीने योग्य भी बनाया जा सकता है।