Restaurants on Wheels .

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मुंबई: यात्रियों को आरामदायक सफर मुहैया कराने के अलावा मध्य रेलवे (Central Railway) ने हमेशा से नित नए तरीकों से उनकी सेवा करने का सिलसिला जारी रखा है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए मध्य रेलवे ने मुंबईकरों (Mumbaikars)को रेल-थीम पर आधारित रेस्टोरेंट प्रदान करने का दायरा बढ़ाया है और अब इसे लोकमान्य तिलक टर्मिनस (Lokmanya Tilak Terminus) के साथ साथ अब दादर रेलवे स्टेशन (Dadar Railway Station) पर भी शुरू करने का काम शुरू कर दिया हैं। सब कुछ प्लान के मुताबिक रहा तो आने वाले जुलाई से इस रेस्टोरेंट ऑन व्हील (Restaurants on Wheels) जैसे भोजनालय में लोग खाने का आनंद ले सकेंगे।

इसके लिए बोगी स्टेशन के सामने लगा दी गई है और जल्द ही इसमें डाइनिंग चेयर और अन्य जरूरी फिटिंग्स लगाकर इसके डेंटिंग पेंटिंग का काम शुरू होगा। गौरतलब है कि मध्य रेल अक्टूबर 2021 में ही सीएसटी स्टेशन से सटकर पीडी मेलो रोड के प्रवेश द्वार के पास ऐसा एक रेस्तरां पहले ही खोल चुका है। मध्य रेलवे ने मुंबई के अलावा नागपुर में भी ऐसा ही एक रेस्टोरेंट खोला है। 

पुराने कोचों को रेस्टोरेंट में तब्दील किया जाता है

इसके बारे में मध्य रेल के एक अधिकारी ने बताया कि बेकार पड़े रेल के एक पुराने कोचों को रेस्टोरेंट में तब्दील करने के लिए चुन लिया गया है और जल्दी ही इसे एक रेस्तरां ऑन व्हील के बदल दिया जाएगा। हमें उम्मीद ही नहीं, पूरा विश्वास है कि ये रेस्टोरेंट ऑन व्हील लोगों के खाने के एक पसंदीदा स्थान बन जाएंगे। गौरतलब है कि एक पुराने कोचों को रेस्टोरेंट में बदलने का फैसला रेलवे बोर्ड द्वारा जोनल रेलवे को सदियों पुराने कोचों का नवीनीकरण करके रेल-थीम वाले भोजनालय स्थापित करने के लिए लिया गया है। इन रेस्टोरेंट में लोकल फ़ूड के अलावा, अन्य प्रचलित मीनू सर्व किए जाते हैं और इसके रेट कांट्रेक्टर निर्धारित करता है जो रेलवे द्वारा अनुमोदित बाजार दरों के अनुसार होते हैं।

सबके लिए विन-विन सिचुएशन

इसकी शर्तों के तहत कोच, ट्रैक और ड्रेनिंग सिस्टम रेलवे की ओर से प्रदान की जाती है, जबकि बिजली और पानी का शुल्क ठेकेदार द्वारा वहन किया जाएगा। इसके एक कोच में 40 लोग बैठें सकेंगे और जरूरत पड़ने पर कोच के बाहर टेबल लगाने के लिए जगह दी जा सकती है। अगर कोच एसी है तो इसके अन्दर 10 टेबल लगाने के लिए पर्याप्त जगह है। 

रेलवे की आय में होगा इजाफा

मध्य रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, सीएसएमटी के रेस्टोरेंट से लाइसेंस शुल्क के रूप में प्रति वर्ष आय 28 लाख रुपए की आमदनी हो रही है। अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि एलटीटी पर लाइसेंस शुल्क से 51 लाख रुपए है और दादर में प्रति वर्ष 58 लाख रुपए की आमदनी होने की संभावना है। यानि कि यात्रियों को मनोरंजक व्यंजन तो मिलेगा ही, रेलवे की कमाई भी होगी।