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सांकेतिक तस्वीर

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  • सर्दियों में क्यों बढ़ता है वायु प्रदूषण 
  • प्रदूषण से होने वाले नुकसान से ऐसे करें खुद का बचाव 
  • प्रदूषण से निपटने में बीएमसी फेल एक्शन में हाईकोर्ट 

मुंबई/दिल्ली: मुंबई और दिल्ली में गुलाबी ठंड शुरू हो गई है। लेकिन ठंड के साथ मुंबई और दिल्ली जैसे शहर में सांस लेना मुहाल हो रहा है। मुंबई और दिल्ली के लोगों का दम घुट रहा है। दिल्ली वासी और मुंबई के लोग इस समय जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। आइये हाल के वायु गुणवत्ता सूचकांक पर नजर डालते हैं। 

मुंबई में हवा का रिकॉर्ड 

क्या होता है एक्यूआई सूचकांक (AQI)
एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई (AQI) रोजाना हवा की गुणवत्ता रिपोर्टिंग के लिए एक सूचकांक है। यह आपको बताता है कि आपकी हवा साफ है या नहीं। सूचकांक में 0 से लेकर 500 तक अंक होते हैं। 0-50 तक के सूचकांक वाली हवा को साफ सुथरी हवा और स्वस्थ हवा माना जाता है। वहीं 50 से 100 के बीच की हवा को मॉडरेट, 100 से 200 के बीच के सूचकांक को खराब हवा की सूची में रखा गया है। वहीं 200 से 300 के बीच में इस अस्वस्थ हवा माना जाता है। 300 से 400 के बीच में इसे खतरनाक माना जाता है। वहीं 400 से 500 के बीच में जब यह सूचकांक पहुंचता है तो इसे बेहद ज्यादा खतरनाक माना जाता है। 

सर्दियों में क्यों बढ़ता है वायु प्रदूषण 
दिल्ली और मुंबई में सर्दियों के समय प्रदूषण का मुख्य कारण है। उत्सर्जन, निर्माण कार्य में पैदा होने वाली धूल, औद्योगिक प्रदूषण और लैंडफिल की आग, दिल्ली में पराली जलाना भी मुख्य समस्या मानी जाती है। महाराष्ट्र में भी लड़कियां जलाकर काफी काम किया जाता है यह भी प्रदूषण के मुख्य कारण में ही आता है। सर्दी के समय हवा स्थिर होती है और अचानक हवा में नमी बढ़ने के कारण प्रदूषण फैलने में सहयोग मिलता है। यही कारण है कि सर्दियों के समय में शहरी इलाके में वायु की गुणवत्ता खराब होती है।

प्रदूषण से निपटने के लिए बीएमसी का प्रयास 
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एंटी स्मोग गन का सहारा लिया जा रहा है। महानगर में वायु प्रदूषण बढ़ने के बाद बीएमसी प्रशासन सकते में आ गया है। सड़कों से धूल की मात्रा कम करने के लिए सफाई और धुलाई का अभियान शुरू किया गया है। ये मुहिम सभी 24 वार्डो में शुरू की गई है। सड़कों की धुलाई के लिए 121 टैंकर, अन्य संयंत्र और कर्मचारियों को तैनात किया गया है। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए बीएमसी प्रशासन ने ‘हाइपर लोकल’ डेटा प्राप्त करने के लिए कमांड-कंट्रोल सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई है। इसके अलावा बेस्ट की 350 बसों में एयर प्यूरीफायर लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जल्द ही इस प्रस्ताव को अमली जामा पहनाया जाएगा। मुंबई में वायु शोधन संयंत्र स्थापित करने के लिए आईआईटी मुंबई से मदद ली जाएगी। आईआईटी मुंबई से प्राप्त 6 मशीनें प्रायोगिक आधार पर लगाई जाएंगी। साथ ही स्लम इलाकों में स्नान के लिए पानी गर्म करने के लिए जलाए जाने वाले अलाव पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। 

प्रदूषण से निपटने में बीएमसी फेल एक्शन में हाईकोर्ट 
वायु प्रदूषण से निपटने में फेल साबित हो रही बीएमसी को बांबे हाई कोर्ट ने फटकार लगाई है। बढ़ते प्रदूषण को लेकर एक्शन में आए हाई कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान कहा कि मुंबई शहर और उपनगरों में वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दूर करने के लिए प्रत्येक प्राधिकरण को एक साथ आने और जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। कागजों पर तो सब कुछ अच्छा दिखता है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। खंडपीठ को मशीनरी या अधिकारियों की मंशा पर कोई संदेह नहीं है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने की बात भी माननी होगी। 

हाईकोर्ट ने क्या कहा 
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ग्रीन बेल्ट की कमी के कारण मुंबई विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से पीड़ित है और इससे स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। हवा में धूल और कणों की मात्रा इतनी अधिक है कि यह न केवल इंसानों बल्कि पौधों के लिए भी खतरनाक है। विभिन्न कार्य योजनाओं और अन्य दिशानिर्देशों की घोषणा की गई है, लेकिन इन तंत्रों के खराब या अपर्याप्त कार्यान्वयन के कारण मुंबई में वायु गुणवत्ता खराब हो गई है। 

हम प्रकृति पर निर्भर हैं
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मुंबईकरों का जीवन और स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है. सार्वजनिक स्वास्थ्य से अधिक महत्वपूर्ण कुछ नहीं हो सकता। प्रदूषण की ये स्थिति हमने ही पैदा की है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि हम भी प्रकृति पर निर्भर हैं। 

दो सदस्यीय समिति गठित
पीठ ने राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) और राज्य स्वास्थ्य विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति आदेशों के अनुपालन और कार्ययोजना की निगरानी करेगी। मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को तय की गई है। 

बीएमसी ने वसूला 4.71 लाख जुर्माना
वायु प्रदूषण नियंत्रण पर सख्ती बरतते हुए बीएमसी प्रशासन ने नियमों का उल्लंघन करने वालों से बीते तीन दिनों में कुल 4 लाख 71 हजार 692 रुपए का जुर्माना वसूला है. यह दंडात्मक कार्रवाई निर्माण कार्य सामग्री और मलबा ढुलाई करने वाले वाहनों पर की गई है. यह दंडात्मक कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. मुंबई में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बीएमसी प्रशासन ने 25 अक्टूबर 2023 को दिशा-निर्देश जारी किए थे. अब इस पर अमल के लिए सख्ती बरतनी शुरू कर दी गई है।

प्रदूषण से होने वाले नुकसान से ऐसे करें खुद का बचाव 

दिल्ली की तरह मुंबई में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। इससे स्वास्थ्य पर खतरनाक असर पड़ रहा है। खासकर हृदय और फेफड़ों पर सीधा असर पड़ता है। हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

विशेषज्ञों का भी कहना है कि वायु प्रदूषण से बचने के लिए मुंबईकरों को एलर्ट रहना चाहिए, कई विशेषज्ञों का तो यहां तक कहना है कि सरकार वायु प्रदूषण से बचने के लिए मुंबई सहित पूरे राज्य में कड़े नियम लागू करना चाहिए, अन्यथा इससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। विशेषज्ञों के अनुसार शहरों में गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है। गाड़ियों को कम करने के लिए अमेरिका जैसी पॉलिसी लागू करनी चाहिए।