Ward War Room
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    मुंबई: मुंबई महानगरपालिका में नगरसेवकों का कार्यकाल खत्म होने के बाद सवाल उठाए जा रहे थे कि लोगों की शिकायतों (Complaints) का निपटारा बीएमसी (BMC) कैसे करेगी। राज्य सरकार ने बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल (BMC Commissioner Iqbal Singh Chahal) को बीएमसी प्रशासक (BMC Administrator) नियुक्त किया है। बीएमसी ने जनशिकायतों की सुनवाई के लिए अब वार्ड वार रुम (Ward War Room) का उपयोग करेगी। 

    मुंबई के सभी 24 वार्डों में कोविड संकट के समय अलग से वार्ड वॉर रुम का गठन किया था, जहां कोविड मरीजों को अस्पतालों में बेड उपलब्ध कराने, होम क्वारंटाईन के मरीजों के स्वास्थ्य की दिन में दो बार फोन कर जानकारी ली जाती थी। अब उसी वार्ड रुम को बीएमसी में आने वाली जनशिकायतों का निपटारा करने के लिए उपयोग में लिया जाएगा। 

    रोजमर्रा की समस्याओं की की जा सकती है शिकायत  

    बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि प्रत्येक वार्ड में कोरोना के समय से ही हमारे पास सुविधा मौजूद है। वार्ड वॉर रुम में सभी प्रकार की सुविधाओं के साथ फोन अलग फोन नंबर भी उपलब्ध है। जनता को भी इसकी जानकारी है। सड़क, पानी कचरा आदि की रोजमर्रा की समस्याओं की शिकायत यहां की जा सकती है। कोविड का संक्रमण कम होने के बाद वॉररुम के पास ज्यादा काम नहीं बचा था इसलिए शिकायत के लिए उपयोग किया जाएगा।  

    दिन में दो बार होगा शिकायतों का निपटारा

    काकानी ने बताया कि सहायक आयुक्त को निर्देश दिया गया है कि वे दिन में दो बार शिकायतों की समीक्षा कर उसका निराकरण करने का प्रयास करेंगे। बीएमसी से संबंधित सभी प्रकार की शिकायतें ऑनलाइन, फोन पर या लिखित रुप से अथवा प्रत्यक्ष मुलाकात कर यहां शिकायत दी जा सकती हैं। जिसका सहायक आयुक्त निराकरण करेंगे। 

     अतिरिक्त आयुक्त करेंगे विजिट

     कोविड के जैसा ही अतिरिक्त आयुक्त वॉर्ड रुम में आने वाली शिकायतों पर नजर रखेंगे। वॉर रुम में आने वाली शिकायतों का सही तरीके से निपटारा किया जा रहा है अथवा कोई ढ़िलाई की जा रही है सब हमारे संज्ञान में रहेगा। हम भी वहां विजिट कर इसकी जानकारी लेते रहेंगे। 

     बीएमसी अधिकारियों की एक समिति का गठन करेगी 

    बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थायी समिति में लाए जाने प्रस्ताव चर्चा के बाद पास होते थे। अब स्थायी समिति का वही अधिकारी बीएमसी प्रशासक के पास आ गया है। सूत्रों के अनुसार, बीएमसी अधिकारियों की एक समिति का गठन करेगी जहां प्रशासन द्वारा भेजे गए प्रस्ताव की स्कूटनी करेगी। यदि प्रस्ताव में बदलाव की आवश्यकता होगी तो बदलाव करने का सुझाव देगी। उसके बाद फाइनल प्रस्ताव एडमिनिस्ट्रेटर के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। हालांकि समिति में कितने और कौन से अधिकारी होंगे अभी तय नहीं किया गया है। 

    खंगाली जा रही 34 वर्ष पहले की फाइल

    बीएमसी में 1984 में एडमिनिस्ट्रेटर बैठाया गया था। उस समय एक वर्ष तक प्रशासक ने किस तरह कार्य किया था उसकी जानकारी निकाली जा रही है। 34 वर्ष पहले बैठे प्रशासक ने किस तरह बीएमसी के कामकाज का संचालन किया था। उस फाइल से महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। हालांकि 34 वर्ष पहले के कार्य और आज के कार्य में बहुत बदलाव आ चुका है। बीएमसी का अधिकांश कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है। फिर भी बीएमसी संचालन के कुछ महत्वपूर्ण प्वाइंट इसमें से लिए जा सकते हैं।