Women Safety in Mumbai, data record of NCB, Women, Safety, Mumbai

Loading

  • महिलाओं ने निर्भया स्क्वॉड पर जताया अपना विश्वास

नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई: सपनों के शहर मुंबई (Mumbai) में महिला सुरक्षा (Women Safety) एक गहन बहस का विषय है। वर्ष 2023 में मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन, मेट्रो, ऑटो रिक्शा में यात्रा के दौरान हुई घटनाओं ने लोगों को झिंझोड़ कर रख दिया था। यही वजह है कि महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर के रूप में प्रसिद्ध मायानगरी की धारणा अब बदलने लगी है। हालांकि इस सच को भी झुठलाया नहीं जा सकता है कि अन्य राज्यों के मुकाबले मुंबई पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के लिए सक्षम है। 

शहर में 24 घंटे पुलिस गश्त की वजह से महिलाएं किसी भी समय सुरक्षित सड़कों पर निकलती है। महिलाओं ने मुंबई पुलिस की निर्भया पथक पर भी अपना भरोसा जताया है। लेकिन प्रतिदिन महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते यौन उत्पीडन और हिंसा के मामलों से लोगों के दिलों में यह सवाल उठता है कि क्या आज भी मुंबई शहर में महिलाएं सुरक्षित हैं?

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल देश में कुल 58 लाख 24 हजार 946 अपराध दर्ज किए गए। जिनमें आईपीसी के तहत 35 लाख 61 हजार 379 अपराध और राज्य के विशेष कानूनों के तहत 22 लाख 63 हजार 364 अपराध शामिल हैं। मुंबई पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि 2021 में दर्ज 5,497 आपराधिक मामले 2022 में बढ़कर 6,133 हो गए हैं। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण यानी पॉक्सो अधिनियम के तहत 1,157 केस दर्ज हुए हैं। जबकि वर्ष 23 में जनवरी से अप्रैल तक महिलाओं के खिलाफ 1977 अपराध दर्ज किए गए थे। हालांकि इसी तरह जनवरी से अप्रैल 2022 में अपराधिक आंकड़े 2078 थे। इसमें नाबालिग लड़कों और लड़कियों के अपहरण के 1,155 मामले भी इसमें शामिल हैं। इनमें पूरे देश में उत्तर प्रदेश पहला, महाराष्ट्र दूसरा जबकि मध्यप्रदेश का तीसरा स्थान है। 

पुरुषों की गंदी नजर से महिलाएं परेशान

अपने सुनहरे भविष्य और मजबूरी में महिलाएं घर से बाहर निकलती है। समाज के कुछ लोग उनके चरित्र पर विभिन्न तरह के आरोप लगाते है और महिलाओं को बदनाम करते है। लोगों की यह सोच बदलनी चाहिए, क्यूंकि इससे महिलाओं को मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। 

निर्भया स्क्वॉड पर भरोसा है

मुंबई बॉलीवुड का गढ़ और मनोरंजन केंद्र होने की वजह से यहां लेट नाइट पार्टीज होती है। बावजूद यहां औरतें काफ़ी सुरक्षित हैं। इसका श्रेय प्रशासन और मुंबई पुलिस को जाता है।  निर्भया स्क्वॉड ख़ास महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया है, जो शिकायत मिलने पर तुरंत एक्शन लेती है। 

 

पुलिस में भ्रष्टाचार से बढ़ रहे है अपराध    

मुख्य ध्यान पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार रोकने पर होना चाहिए। बहुत से बलात्कारी और छेड़छाड़ करने वाले अपराधी छूट जाते हैं। क्योंकि पुलिस पैसे लेकर कमजोर मामले बनाती है और अदालत से तुरंत उन्हें जमानत मिल जाती है। एफआईआर में आईपीसी की कड़ी धाराएं लगाने और इन्वेस्टिगेशन कर पुख्ता सबूत अदालत में पेश करने की जरूरत है। 

 

महिलाओं के लिए मुंबई सुरक्षित

मुंबई भारत के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक है। महिलाएं सतर्क और मुखर होती हैं। पुलिस लिंग के प्रति संवेदनशील है और अपनी प्रतिक्रिया में बहुत तत्पर है। सिविल सोसाइटी, मोहल्ला कमेटी, हाउसिंग सोसायटी और एनजीओ पुलिस के साथ सहयोग करते हैं। इसलिए मुंबई में महिलाओं के लिए समग्र माहौल बहुत सकारात्मक है।