Nikhil suicide case, Agarwal gets interim bail

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    नागपुर. महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश आर.एस. पावसकर ने आरोप सिध्द नहीं होने के कारण 6 आरोपियों को बरी कर दिया. राहुल नागुलवार की शिकायत पर पुलिस ने अविनाश घुसे, हर्षा घुसे, संजय महाकालकर, राकेश तिड़के, संजय गिल्लूरकर और पंकज पवार के खिलाफ मामला दर्ज किया था. राहुल के अनुसार उसकी पत्नी पल्लवी और आरोपी एक बीसी के सदस्य थे. सभी का आपस में मिलना-जुलना होता था.

    इस बीच अविनाश घुसे ने उसकी पत्नी पल्लवी को मैसेज और आपत्तीजनक शायरी भेजनी शुरु कर दी. पल्लवी ने इस बारे में राहुल को बताया. राहुल ने घुसे को चेतावनी दी और उसकी पत्नी हर्षा को भी जानकारी दी. हर्षा ने पल्लवी के चरित्र पर ही सवाल खड़े कर दिए और बुरा-भला कहा. घुसे दंपति ने अन्य आरोपियों को भी पल्लवी के बारे में आपत्तीजनक बाते कही. अन्य लोगों ने भी उन्हीं का साथ दिया. बदनामी होने से पल्लवी तनाव में थी. उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

    राहुल की शिकायत पर पुलिस ने सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया. बचावपक्ष के अधिवक्ता प्रकाश नायडू ने न्यायालय को बताया कि आरोपियों को मामले में फर्जी तरीके से फंसाया गया है. पल्लवी के मोबाइल पर अविनाश द्वारा भेजा गया कोई आपत्तीजनक मैसेज नहीं मिला है, जिससे आहात होकर वह आत्महत्या करें. धारा 306 का मामला दर्ज करने के कोई तथ्य ही नहीं है. न्यायालय ने बचावपक्ष की जिरह पर आरोपियों को निर्दोष बरी कर दिया.