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  • 17 सामूहिक फंड में होगी कटौती

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नागपुर. जिला परिषद की शालाओं में 700 शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए पिछली आम सभा में मानधन पर शिक्षकों की भर्ती की मांग सत्तापक्ष के साथ ही विपक्षी सदस्यों ने उठाई थी. समस्या मानधन देने के लिए निधि की थी. कुछ सदस्यों ने जिले के ग्रामीण भागों में स्थित उद्योगों से सीएसआर फंड की व्यवस्था कर इसके लिए उपयोग करने का सुझाव भी दिया था लेकिन शिक्षा समिति की बैठक में सभापति भारती पाटिल ने 17 सामूहिक विकास निधि से प्रत्येक सदस्य के हिस्से का 2-2 लाख रुपये इस मद हेतु खर्च करने का निर्णय लिया है.

बताते चलें कि हर जिप सदस्य को इस निधि से 10-10 लाख रुपये देने का प्रावधान बजट में किया गया है लेकिन भर्ती किये जाने वाले शिक्षकों के मानधन के लिए अब प्रत्येक सदस्य के हिस्से से 2-2 रुपयों की कटौती की जाएगी. हालांकि समिति के इस निर्णय का विपक्ष के सदस्य विरोध कर रहे हैं. 

पहले चरण में 50 की नियुक्ति

बताते चलें कि कॉन्ट्रैक्ट पर पहले चरण में 50 शिक्षकों की भर्ती का निर्णय लिया गया है. अनेक ऐसी शालाएं हैं जहां केवल एक ही शिक्षक हैं तो कुछ शालाओं में विषयों के शिक्षक नहीं है जिसके चलते विद्यार्थियों कि गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. इसी के चलते आम सभा में शिक्षकों की गोंदिया-भंडारा जिला परिषद की तर्ज पर कॉन्ट्रैक्ट पर शिक्षकों की नियुक्ति का मुद्दा उठाया गया था. कुंदा राऊत ने पहले मानधन की व्यवस्था की बात की थी.

वहीं प्रकाश खापरे, दुधराम सव्वालाखे, शांता कुमरे, समीर उमप आदि ने भी उक्त मांग का समर्थन किया था. साथ ही कहा गया था कि ग्रामीण शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को इससे रोजगार भी मिलेगा. इसी के चलते शिक्षा समिति की बैठक में पहले चरण में 50 शिक्षकों की भर्ती और 17 सामूहिक विकास निधि से मानधन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि अब विपक्षी दल के सदस्य इसका विरोध यह कहते हुए कर रहे हैं कि सभापति ने सदस्यों को विश्वास में लिए बिना यह निर्णय लिया है.