Prashant Wasankar
Prashant Wasankar (Left in blue T-Shirt)

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    • 4,000 निवेशकों को लगाया था चूना
    • 230 करोड़ से अधिक की वित्तीय धांधली

    नागपुर. वासनकर वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी द्वारा की गई धोखाधड़ी उजागर होने के बाद निवेशकों ने अंबाझरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस ने कंपनी के तमाम डायरेक्टर्स के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया. कंपनी के संचालक तथा मामले के मास्टरमाइंड प्रशांत वासनकर के साले अभिजीत चौधरी को हाल ही में अदालत ने 5 लाख के निजी मुचलके पर जमानत प्रदान की थी. इसी आधार पर अब जमानत की मांग कर प्रशांत वासनकर की ओर से फिर एक बार हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जमानत प्रदान की. उल्लेखनीय है कि गत कुछ माह से लगातार सरकारी पक्ष की ओर से समय मांगा जा रहा था जिससे सुनवाई टल रही थी. 

    7 वर्षों से जेल में अभियुक्त

    गत समय सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि हाई कोर्ट ने गत समय 6 माह के भीतर सुनवाई खत्म करने के आदेश जिला सत्र न्यायालय की विशेष अदालत को दिया था. आलम यह है कि उसके बाद से अब तक सुनवाई की केवल खानापूर्ति हो रही है. सरकारी पक्ष की ओर से निचली अदालत में 22 बार सुनवाई स्थगित करने की मांग की है जिससे लगातार सुनवाई टलती रही है. सुनवाई में हो रही देरी के कारण अभियुक्त गत 7 वर्षों से जेल में है. सरकारी पक्ष की ओर से बताया गया कि कोरोना महामारी की विपदा के कारण और निचली अदालत में सरकारी पक्ष रखने वाले सरकारी वकील कोरोना पॉजिटिव आने से सुनवाई पर असर पड़ा है. इसके अलावा इसमें 22 आरोपी हैं जिनके लिए अलग-अलग वकील खड़े होते हैं. प्रत्येक वकील गवाहों के बयान दर्ज कराता है. एक गवाह के बयान दर्ज करने में 8-8 घंटे का समय लगता है जिससे याचिकाकर्ता द्वारा लगाया गया आरोप पूरी तरह निराधार है.

    विनय को सुको से मिली थी राहत

    उल्लेखनीय है कि धोखाधड़ी का मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने वासनकर वेल्थ मैनेजमेंट में बतौर डायरेक्टर वासनकर परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई की थी जिसमें प्रशांत वासनकर के भाई विनय पर भी आरोप लगाए गए थे. विनय की कई बार जमानत की अर्जी हाई कोर्ट द्वारा ठुकराए जाने के बाद उसने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी. सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस. अब्दुल नजीर और न्यायाधीश कृष्ण मुरारी ने निचली अदालत की शर्तों के आधार पर जमानत देने के आदेश जारी किए थे. हाल ही में हाई कोर्ट ने इसी मामले में एक अभियुक्त को अंतरिम जमानत दी थी. अब प्रशांत वासनकर को भी जमानत प्रदान की गई है.