खुद को तहसीलदार बताकर महिला को ठगा, वाइन शॉप का लाइसेंस दिलाने के नाम पर 70 लाख रुपये ऐंठे

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नागपुर. खुद को तहसीलदार बताकर एक ठग ने महिला और उसके पति को झांसे में लिया. वाइन शॉप का लाइसेंस दिलाने के नाम पर उनसे 70 लाख रुपये ऐंठ लिए. बेलतरोड़ी पुलिस ने जयराम कॉलोनी, बेलतरोड़ी निवासी संध्या अशोक पुनयानी (56) की शिकायत पर मामला दर्ज किया है. आरोपी नालंदानगर बैंक कॉलोनी निवासी सुभाष जगन्नाथ गणवीर उर्फ सुभाष वानखेड़े बताया गया. संध्या के पति अशोक धागों का व्यापार करते थे. वर्ष 2015 में बीमारी से उनका निधन हो गया. वर्ष 2011 से उनकी सुभाष से पहचान थी.

सुभाष ने उन्हें बताया था कि वह रत्नागिरी में तहसीलदार पद पर काम करता है. अक्सर उसका घर पर जाना-आना था, इसीलिए मित्रतापूर्ण संबंध थे. इस बीच संध्या के बेटे रौनक का एक्सीडेंट हो गया और ब्रेन का ऑपरेशन हुआ. उसकी पढ़ाई रुक गई थी. सुभाष ने उन्हें बताया कि वह चाहे तो उन्हें शराब की दूकान का लाइसेंस मिल सकता है. इससे बच्चे का भविष्य बन जाएगा. सुभाष ने बताया था कि उसके पास भी एक शराब की दूकान का लाइसेंस है लेकिन सरकारी कर्मचारी होने के कारण वह दूकान नहीं खोल सकता.

अपना लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए उसने संध्या के पति से 16 लाख रुपये मांगे. बाद में लाइसेंस उनके नाम पर करने का झांसा दिया. इस तरह समय-समय पर अलग-अलग कारण बताकर सुभाष उनसे मोटी रकम लेता रहा. पति की मौत होने के बाद भी सुभाष ने पीछा नहीं छोड़ा. कभी दूकान के लिए जगह खरीदने के नाम पर तो कभी रजिस्ट्री करवाने के लिए रकम लेता गया. वर्ष 2013 से 2019 तक वह संध्या और उनके पति से 70 लाख रुपये ले चुका था. जब संध्या ने दूकान के लिए दबाव डाला तो उनका फोन उठाना बंद कर दिया.

संध्या ने उसके बारे में जांच-पड़ताल की. रत्नागिरी के सरकारी कार्यालयों में संपर्क किया. सुभाष वानखेड़े नाम का कोई तहसीलदार नहीं होने का पता चला. असल में सुभाष का पूरा नाम सुभाष जगन्नाथ गणवीर होने का पता चला. शुरुआत से ही वह झांसा देकर पुनियानी दंपति से रकम ले रहा था. संध्या ने प्रकरण की शिकायत पुलिस से की. बेलतरोड़ी पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.