India's coal imports declined by 11.59 percent to 181 million tonnes during April-January
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    नागपुर. भंडारा रोड पर वर्षों से कई उद्योग संचालित हो रहे हैं. उद्योग के लिए यह क्षेत्र नया हब बनता जा रहा है. इन्हें कोयले की जरूरत पड़ती है. उद्योग के लिए ये कोयला मंगाते हैं लेकिन क्षेत्र के कुछ लोगों के कारण उन्हें कोयला लोडिंग-अनलोडिंग करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उद्यमियों ने बताया कि कोयला की लोडिंग-अनलोडिंग न होने से उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ने लगा है. इससे रोजगार का संकट भी उत्पन्न हो सकता है. 

    जानकारों ने बताया कि छोटे-छोटे प्लॉट्स में चल रहे उद्योग आसपास में कोयला रखते हैं लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने गलत तरीके से इसका विरोध करना शुरू किया. 

    कापसी, महालगांव, आसोली, गुमथला, भोवरी, कढोली, दिघोरी, नेरी, गादा, लिहिगांव, सावली परिसर में कोयला रखा जाता है ताकि जरूरत पड़ने पर वक्त पर उद्योग में कोयला लाया जा सके लेकिन कुछ लोग प्रदूषण के नाम पर इसका विरोध करने लगे और गलत डिमांड करने लगे. इसका उद्यमियों ने विरोध किया. लेकिन मामला यहीं नहीं थमा और ऐेसे लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस से की. पुलिस को हथियार बनाकर कारोबार को प्रभावित करने का आरोप उद्यमी लगा रहे हैं.

    कुछ ग्राम पंचायत के सदस्य भी इसमें शामिल हो गए हैं और उनके इशारों पर काम किया जा रहा है. उद्यमियों का कहना है कि इस मामले में पुलिस का कोई काम है ही नहीं, बल्कि उसे तो ब्लैकमेल करने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए न कि उद्योग संचालित करने वालों पर. उद्यमियों का कहना है कि अगर उनके साथ जोर-जबर्दस्ती की जाती है तो इसकी शिकायत उच्च स्तर तक करेंगे.