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नागपुर. अक्सर देखा जाता है कि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी सिटी में कार्य करने में अधिक रुचि रखता है ताकि सारी सुविधाएं मिलें व अप-डाउन की जरूरत नहीं पड़े लेकिन जिला परिषद में इसके उलट देखा जा रहा है. मई महीने में सीईओ सौम्या शर्मा ने तबादला हो चुके कर्मचारियों को तत्काल कार्यमुक्त कर तबादले वाली जगहों पर कार्यभार संभालने के निर्देश दिये थे. विविध विभागों से कर्मचारियों को रिलीव भी किया गया लेकिन अनेक कर्मचारियों ने अपने नई जगह पर कार्यभार स्वीकार ही नहीं किया है. इसमें अनेक तो जिप मुख्यालय नागपुर में ट्रांसफर हुए फिर भी ज्वाइन नहीं किया. इसके चलते विभागों में कर्मचारियों के अभाव के कारण कार्यरत कर्मचारियों पर वर्कलोड बढ़ गया है. अकेले शिक्षा विभाग की ही बात करें तो वर्ग-2 में आने वाले उपशिक्षाधिकारी के 4 पद मंजूर है जिसमें से अभी 1 पद भरा गया है लेकिन अब तक तबादला हुए उपशिक्षाधिकारी ज्वाइन नहीं हुए हैं. जिसके कारण एक ही प्रभारी उपशिक्षाधिकारी के भरोसे कार्य शुरू है.

3 नियमित पद रिक्त 

अभी भी 3 नियमित पद रिक्त हैं. वहीं विभाग में 1 अधीक्षक पद भी बीते कई महीनों से रिक्त हैं. वर्ग-3 में विज्ञान पर्यवेक्षक का पद भी वर्षों से खाली पड़ा है. सीईओ के निर्देश पर वर्ग-3 के तबादला हुए 4 कर्मचारियों को रिलीव करने की जानकारी है. पहले ही विभाग में 3 पद रिक्त है और ऐसे में 4 को यहां से रिलीव करने से रिक्त पदों की संख्या बढ़ गई है. मुख्यालय से 4 गए लेकिन केवल एक ही कर्मचारी यहां ज्वाइन हुआ है. कर्मचारियों की कम संख्या के कारण विभाग का कार्य प्रभावित हो रहा है.

प्राथमिक का भी यही हाल

प्राथमिक शिक्षा विभाग का भी यही हाल है. उपशिक्षाधिकारी के 2 पद पहले ही रिक्त थे उसमें से 1 पद हाल ही तबादले से भरा गया लेकिन व अधिकारी अब तक ज्वाइन नहीं हुआ है. इसी तरह बीईओ के 13 पद मंजूर है लेकिन इसमें से 10 तहसील में बीईओ का कार्यभार शिक्षा विस्तार अधिकारी संभाल रहे हैं. शिक्षा विस्तार अधिकारी के 54 पद मंजूर हैं लेकिन इसमें से 30 पद रिक्त हैं. केन्द्र प्रमुख के 15 से अधिक पद रिक्त हैं. वरिष्ठ व कनिष्ठ लिपिक के पद भी रिक्त हैं. मई महीनें में यहां से 7 कर्मचारियों का तबादला हो गया. वे चले गए लेकिन उनके बदले केवल 3 कर्मचारी ही आए हैं. ऐसा ही हाल कृषि, सामान्य प्रशासन, लघु सिंचन, ग्रामीण जलापूर्ति, पशुसंवर्धन, बांधकाम, महिला व बाल कल्याण, स्वास्थ और पंचायत विभाग का है. यहां से कर्मचारी तो रिलीव कर दिये गए लेकिन जिन्हें यहां पदस्थ किया गया है उनमें से अधिकतर ने ज्वाइन नहीं किया.