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नागपुर. आरटीएम नागपुर विवि द्वारा ली जा रही ग्रीष्म सत्र परीक्षाओं की वजह से छात्रों की परेशानी बढ़ गई है. सूर्य देवता सुबह से ही आसमान से आग बसरा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर छात्रों को असुविधाओं के बीच परीक्षा देनी पड़ रही है. इस बीच आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न पूछने, पुनर्मूल्यांकन में अंक कम और ज्यादा अंक मिलने जैसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं.

इस बीच एमबीए के कुछ छात्रों के साथ कुछ अलग ही तरह घटना सामने आ रही हैं. जिस पेपर में पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन भी नहीं भरा था उन विषयों में छात्रों को अनुत्तीर्ण बताया जा रहा है. एमबीए थर्ड ईयर के एक छात्र ने परीक्षा में कुछ विषयों में कम अंक मिलने पर पुनर्मूल्यांकन के लिए फाइनेंस और स्ट्रैटेजिकल मैनेजमेंट पेपर में आवेदन किया. छात्र के दोनों विषयों में अंक बढ़े. फाइनेंस में पहले 42 अंक मिले थे जो बढ़कर 45 हो गये.

वहीं स्ट्रैटेजिकल मैनेजमेंट में पहले 43 अंक मिले थे जो बाद में बढ़कर 59 हो गये. पुनर्मूल्यांकन के परिणाम के बाद छात्र को नई अंक सूची मिली लेकिन इसमें अलग तरह ही गलती सामने आई. छात्र ने मार्केटिंग नामक विषय में पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन नहीं किया था लेकिन इस विषय में उसके अंक कम हो गये.

पहले 52 अंक मिले थे और छात्र उत्तीर्ण हो गया था लेकिन अब बिना पुनर्मूल्यांकन के ही उसके अंक 44 हो गये. छात्र अंब अंतिम वर्ष में पहुंच गया है लेकिन बिना वजह एक विषय में कम अंक होने से उसकी मुसीबत बढ़ गई है. इस तरह की शिकायत केवल छात्र की नहीं है. बल्कि एमबीए के कई छात्र ऐसे हैं जो पहले जिन विषयों में उत्तीर्ण थे पुनर्मूल्यांकन के बाद अनुत्तीर्ण हो गये हैं. छात्रों ने विवि प्रशासन से मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच करने की मांग की है.