नागपुर. प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ शुक्रवार को विविध संगठनों के अलावा राजनीतिक दलों ने भी मोर्चा निकाला. इन्होंने प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
बिजली कर्मियों ने दी चेतावनी : महाराष्ट्र राज्य वीज कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों कर्मचारियों ने इंदोरा चौक से मोर्चा निकालकर विधानसभा की ओर कूच किया. हालांकि इन्हें विधानसभा पर पहुंचने से पहले ही एलआईसी चौक पर रोक दिया गया. कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि निजीकरण को नहीं रोका गया और 40 हजार रिक्त पदों को तत्काल नहीं भरा गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू किया जाएगा. विधायक प्रकाश ठाकरे तथा राजू पाटिल ने भी मौके पर पहुंचकर उनकी मांगों का समर्थन किया. संघर्ष समिति के शिष्टमंडल की मंत्री तानाजी सावंत के साथ भी चर्चा हुई. यहां शिष्टमंडल के सदस्यों ने स्पष्ट कर दिया कि ट्रेड यूनियन अपनी मांगों से पीछे नहीं हटने वाली है. निजीकरण का मुद्दा जनता से जुड़ा हुआ है, जिसे सीएम तथा डीसीएम को गंभीरता से लेना चाहिए. इस पर मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री अभी नागपुर में नहीं हैं, इसलिए सोमवार को उनके आने पर चर्चा की जाएगी.
आप ने दिखाई ताकत : राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. उसने महंगाई, बेरोजगारी सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरा. महाराष्ट्र प्रभारी दीपक सिंगला ने कहा कि प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर फेल है, जिससे नागरिकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. किसान, मजदूर, छात्र, पढ़े-लिखे नौजवानों का जीना मुश्किल हो गया है. आश्चर्य की बात है कि सरकार मूलभूत समस्याओं का समाधान करने की बजाय महापुरुषों के खिलाफ टिप्पणी कर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. इस दौरान रंगा राचुरे, विजय कुम्हार, धनंजय शिंदे, धनराज वंजारी, अशोक मिश्रा, देवेंद्र वानखेड़े, कुसुमाकर कौशिक, प्रभात अग्रवाल, अंसार शेख आदि मौजूद थे.
जनता को मूर्ख बना रही सरकार : बहुजन रिपब्लिकन सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश माने के नेतृत्व में मोर्चा निकालकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. वक्ताओं ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार जनता को मूर्ख बनाने का काम कर रही है. समृद्धि महामार्ग खोल दिया गया लेकिन बहुजन समाज की समृद्धि का मार्ग नहीं खोला जा रहा है. सरकार निजीकरण को बढ़ावा देकर सरकारी नौकरियों में आरक्षण को बंद कर रही है. महापुरुषों का अपमान करने के लिए सरकार का धिक्कार किया जाता है.
बहुजन समाज पार्टी : बसपा के कार्यकर्ताओं ने आक्रोश मोर्चा निकालकर सरकार पर पक्षपातपूर्ण निर्णय लेने का आरोप लगाया. आंदोलनकारी हाथों में बाबासाहब, कांशीराम, मायावती आदि नेताओं की तस्वीरों वाली तख्तियां लिए हुए थे. उनकी प्रमुख मांगों में विदर्भ राज्य की घोषणा तत्काल करना, मेट्रो स्टेशनों के नाम बदलना, चंद्रकांत पाटिल को बर्खास्त करना आदि शामिल है.
इन्होंने भी निकाला मोर्चा
इनके अलावा समग्र शिक्षा करार कर्मचारी संघटना (महाराष्ट्र राज्य), राष्ट्रीय विकलांग कल्याण संस्था, महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद ने भी मोर्चा निकाला.