नागपुर. लगता है सिटी में सौंदर्यीकरण को लेकर भी भेदभाव चल रहा है. पश्चिम नागपुर में जितने भी ओवरब्रिज बने हैं या बन रहे हैं उनके नीचे की जगह को पौधों, स्क्लप्चर्स व मूर्तियों व पेंन्टिग्स से बेहद ही सुंदर सजाया गया है लेकिन शेष इलाकों में जो ब्रिज हैं उन्हें लावारिस छोड़ दिया गया है. दक्षिण नागपुर में दिघोरी पुल इसका उदाहरण है. ब्रिज के ऊपर तो सब सही है लेकिन नीचे की हालत देखें तो किसी की जिम्मेदार नागरिक का गुस्सा फुट पड़ेगा. इस ब्रिज के नीचे सौंदर्यीकरण तभी किया गया होगा जब यह बना होगा और उसके बाद इसकी ओर किसी भी जिम्मेदार ने पलटकर नहीं देखा. ब्रिज के नीचे तो ट्रै्वल्स बस और टैक्सी वालों ने अवैध पार्किंग ही बना डाली है. बसें व टैक्सी यहां खड़ी की जा रही मानों यह जगह उनकी मालिकी की हो.
आवारा मवेशियों का डेरा
ब्रिज के नीचे आसपास के दूकानदार व नागरिक कचरा व गंदगी डालकर कचरा घर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. इस गंदगी से भोजन की खोज में आवारा मवेशियों व श्वानों का डेरा हमेशा ही जमा रहता है. इतना ही नहीं हुड़केश्वर की दिशा में जाने वाले मार्ग पर कबाड़ की दूकानों के कारण पूरे रोड और परिसर में गंदगी फैली हुई है. बारिश में गंदगी रास्ते में फैल रही है. सीमेन्ट रोड बनने के बाद गटर के ढक्कन उखड़ गए हैं जिसे लगाने की जरूरत तक नहीं समझी जा रही है. खरबी चौक की ओर जाने वाले मार्ग में नाले की दीवार टूटी है. कुल मिलाकर इस क्षेत्र का नागरिक अगर पश्चिम नागपुर के ब्रिज की सुंदरता देखेगा तो उसके मन में यही आएगी की दिघोरी पुल के ऊपर तो स्वर्ग लेकिन नीचे नर्क सी हालत है.
सौंदर्यीकरण की जरूरत
समीप के दूकानदारों का कहना है कि जब सिटी के सभी ओवरब्रिज, अंडरब्रिज की दीवारें पेंन्टिग कर खूबसूरत किये गए. नये फ्लाईओवर्स के नीचे सुंदर सजावट की गई है तो हमारे एरिया के दिघोरी पुल के नीचे का पूरा परिसर भी सजाया जाना चाहिए ताकि परिसर भी सुंदर नजर आए. उन्होंने नियमित सफाई नहीं होने की शिकायत भी की. साथ ही ब्रिज के नीचे अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत बताई.