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नागपुर. महानगर पालिका कर्मचारियों की वर्षों से लंबित न्यायिक मांगों को लेकर अब संगठन ने आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए कमर कस ली है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र राज्य महानगर पालिका, नगर पालिका, नगर परिषद कर्मचारियों के संगठन के फेडरेशन द्वारा 14 मार्च से बुलाई गई बेमियाद हड़ताल में शामिल होने का निर्णय राष्ट्रीय नागपुर कार्पोरेशन एम्प्लाइज एसोसिएशन की ओर से लिया गया. हालांकि राज्य स्तर पर हड़ताल को खत्म करने की दिशा में कुछ प्रयास तो किए गए, किंतु अब प्रयास विफल होने के कारण राज्यभर में हड़ताल होना तय है. हड़ताल में मनपा के कर्मचारी भी शामिल होने के कारण प्रशासन को अभी से पसीने छूट रहे हैं. 

…तो अत्यावश्यक सेवाएं भी होगी बाधित

माना जा रहा है कि राष्ट्रीय नागपुर कार्पोरेशन एम्प्लाइज एसोसिएशन के मनपा में 2,000 से अधिक सदस्य है लेकिन फिलहाल अत्यावश्यक सेवाओं को हड़ताल से अलग रखा गया है. एसोसिएशन के पदाधिकारी प्रवीण तंत्रपाडे ने कहा कि फेडरेशन के साथ इस संदर्भ में चर्चा चल रही है. फेडरेशन के पदाधिकारियों का मानना है कि सरकार उन्हें कम आंक रही है. यदि 1-2 दिनों में सरकार मसला हल नहीं करती है तो फिर अत्यावश्यक सेवाएं दे रहे संगठन के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो जाएंगे जिसके लिए प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार होगा. माना जा रहा है कि यदि ऐसा हुआ तो साफ-सफाई से लेकर तमाम सेवाएं बाधित होगी. 

कुछ संगठन कर रहे भ्रमित

मनपा में कुछ कर्मचारियों ने कहा कि राज्यभर में होने जा रही हड़ताल कर्मचारियों के हितों के लिए हैं. अभी नहीं तो कभी नहीं जैसी स्थिति आ गई है. यही कारण है कि संगठन और कर्मचारी पूरी ताकत के साथ हड़ताल में शामिल होने तैयार है लेकिन सत्तापक्ष की समर्थक कुछ संगठन की ओर से कर्मचारियों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है. मनपा आयुक्त के साथ मिलकर कुछ मांगों पर सकारात्मक निर्णय होने का हवाला देकर हड़ताल से दूर रहने की अपील की जा रही है. किंतु अब कर्मचारी ऐसी किसी भी संगठन के झांसे में आने से बच रहे हैं. यही कारण है कि मनपा में भी हड़ताल शत-प्रतिशत सफल रहेगी.