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    नागपुर. राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कड़ा रुख लेते ही राज्य चुनाव आयोग प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय हो गया है. हालांकि चुनाव प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में कुछ देरी होने के कारण चुनाव अक्टूबर के बाद होने की संभावना जताई जा रही थी किंतु अब प्रक्रिया में प्रभाग रचना की अंतिम घोषणा के बाद आरक्षण की लाटरी निकालने की तारीख भी निश्चित की गई है.

    राज्य चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार 31 मई को आरक्षण की लाटरी निकाली जानी है. इसके लिए अब मनपा आयुक्त की ओर से स्थान और समय सुनिश्चित किया जाना है. सूत्रों के अनुसार आरक्षण की लाटरी आम जनता के समक्ष निकालना जरूरी होता है. इसलिए इसमें कई लोगों के शामिल होने की संभावना रहती है. इसे देखते हुए मनपा के सुरेश भट सभागृह में आरक्षण की लाटरी होने की संभावना है. 

    राजनीतिक दल सक्रिय, बढ़ीं धड़कनें

    -सोमवार को दोपहर में अचानक आरक्षण की लाटरी की तारीख की खबर आग की तरह फैल गई. इस वजह से न केवल राजनीतिक दल बल्कि इच्छुक कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए. 

    – जानकारों के अनुसार जहां महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण के अलावा 43 सीटों पर आरक्षित वर्ग की सीटों का आरक्षण निर्धारित करना है वहीं इन आरक्षित वर्ग में भी आधी सीटें महिला प्रत्याशियों के लिए आरक्षित करनी है. 

    -प्रभाग की मतदाता संख्या के अनुसार जहां आरक्षित वर्ग की संख्या अधिक है वहां पर उतरते क्रम से प्रत्येक प्रभाग में एक सीट आरक्षित करनी है. संख्या के आधार पर आरक्षित वर्ग मतदाता के प्रभागों का अनुमान पहले से लगाया जा रहा है. 

    – वास्तविक चिंता आरक्षित वर्ग के इच्छुक पुरुष प्रत्याशी को है. यदि ऐसे प्रभागों में महिला आरक्षण की लाटरी निकाली गई तो पुरुष प्रत्याशी के लिए चुनाव काफी कठिन होगा. यही कारण है कि कई इच्छुकों की धड़कनें तेज हो गई हैं.

    चुनाव में जुट गई भाजपा

    जानकारों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी हर समय चुनावी मोड में रहती है. यही कारण है कि कार्यकर्ताओं को किसी न किसी अभियान के तहत जोड़कर रखा जाता है. भले ही चुनाव दूर रहे लेकिन मतदाताओं तक पहुंचने के लिए कोई न कोई कार्यक्रम देकर उन्हें व्यस्त रखा जाता है. मनपा चुनाव को लेकर कुछ समय तक असमंजस की स्थिति होने से कई कारणों के चलते इच्छुक कार्यकर्ता निष्क्रिय हो गए थे किंतु तारीख की घोषणा होते ही भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मनपा चुनाव को लेकर भाजपा की कोर कमेटी की तुरंत बैठक ली गई जिसमें चुनाव में पूरी ताकत से जुट जाने के निर्देश तमाम पदाधिकारियों को दिए गए. कोर कमेटी के पदाधिकारियों को प्रभाग स्तर पर बैठकें लेकर प्रभाग में पार्टी की स्थिति तथा प्रत्याशी के संदर्भ में सटीक जानकारी तैयार करने की हिदायतें दी गई हैं.

    फिलहाल कोमा में महाविकास आघाड़ी

    आरक्षण लाटरी की घोषणा होते ही भाजपा तो काम में जुट गई लेकिन महाविकास आघाड़ी के घटक दल अभी भी कोमा में दिखाई दे रहे हैं. माना जा रहा है कि चुनाव में भाजपा को किसी अन्य दल के साथ सीटों का तालमेल नहीं करना है. पूर्व मंत्री सुलेखा कुम्भारे की पार्टी के लिए 1-2 सीटें छोड़ने के अलावा भाजपा के समक्ष कोई समस्या नहीं है. वहीं राज्य भर में स्थानीय निकाय चुनाव भी एकजुट होकर लड़ने की महाविकास आघाड़ी की घोषणा वास्तव में कहीं दिखाई नहीं दे रही है. यहां तक कि स्थानीय स्तर पर इन दलों के कौन से पदाधिकारी तालमेल करेंगे इसका भी खुलासा नहीं किया गया है जबकि भाजपा की ओर से सभी को जिम्मेदारियां बांट दी गई हैं.