Nylon Manja
प्रतीकात्मक तस्वीर

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नागपुर. नायलॉन मांजा के कारण हो रही घटनाओं को लेकर छपी खबरों पर स्वयं संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने इसे जनहित याचिका का रूप में स्वीकृत किया. इस पर हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार सरकारी पक्ष की ओर से बताया गया कि पर्यावरण (प्रोटेक्शन) कानून 1986 की धारा 5 के तहत नायलॉन मांजा पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. यहां तक कि पर्यावरण मंत्रालय की ओर से 1 मार्च 2023 को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया. अब बिक्री, स्टोरेज और उत्पादन पर लगी पाबंदी पर नजर रखने के लिए प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है. जिसके लिए विभिन्न स्तर पर जिम्मेदारियां सुनिश्चित किए जाने की जानकारी पर्यावरण विभाग के उपसचिव ने हलफनामा में दी. 

नजर रखने डेडिकेटेड सेल 

उपसचिव की ओर से दिए गए हलफनामा में बताया गया कि स्कूल और कॉलेज में जनजागृति के लिए कार्यक्रम किए जाने है. जिसके लिए शिक्षा व उच्च शिक्षा विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसी तरह से नायलॉन मांजा पर नजर रखने एवं शिकायत दर्ज करने के लिए फोन नंबर के साथ डेडिकेटेड सेल स्थापित किया जाना है. इसकी जिम्मेदारी स्थानीय निकाय संस्थाओं, पुलिस विभाग, आरटीओ, स्वास्थ्य विभाग और जिला परिषद व वन विभाग को दी गई है. संबंधित स्थानीय निकाय एजेन्सी हर माह बैठक करेंगे. जिसमें राज्य के पर्यावरण विभाग की ओर से जारी निर्देशों पर चर्चा होगी. 

जिला स्तरीय टास्क फोर्स

हलफनामा में बताया गया कि प्रत्येक जिले में जिला स्तर पर टास्क फोर्स का गठन करने के लिए जिलाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रत्येक सप्ताह टास्क फोर्स की बैठक लेकर स्थिति का जायजा लिया जाएगा. ट्रांसपोर्ट विभाग सभी बार्डर चेक पोस्ट पर निगरानी करेंगे. नायलॉन मांजा के प्रतिबंध को लेकर कड़े उपाय करने के लिए अलग-अलग विभागों को अधिकार भी प्रदान किए गए है. मनपा की ओर से दायर हलफनामा में बताया गया कि स्थानीय अखबारों में भी इस संदर्भ में पब्लिक नोटिस जारी किया गया है. नायलॉन मांजा को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में मनपा की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.