- 1,600 वर्ग मीटर की जगह
- 86 वर्ग मीटर का करना है अधिग्रहण
नागपुर. राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण की ओर से पारडी फ्लाईओवर का काम जून 2022 में पूरा कर देने की भले ही घोषणा की गई हो लेकिन इसके लिए आवश्यक जमीन का अब तक अधिग्रहण नहीं हो पाने से समय सीमा में पुल का निर्माण पूरा होने को लेकर संदेह जताया जा रहा है. फ्लाईओवर के लिए अधिग्रहित जमीन का कब्जा लेने के लिए हाल ही में एनएचएआई की ओर से सम्पत्तिधारकों को नोटिस जारी किया गया था किंतु उनकी जमीन अधिग्रहित किए जाने की जानकारी ही नहीं होने से इस नोटिस को चुनौती दी गई.
हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार नये कानून के अंतर्गत याचिकाकर्ता ने जिलाधिकारी के समक्ष अर्जी तो दायर की किंतु इसे ठुकराए जाने की जानकारी सरकारी पक्ष ने हाई कोर्ट को दी. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. एसवी भूतड़ा, मनपा की ओर से अधि. जैमिनी कासट और सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील आनंद फुलझेले ने पैरवी की.
याचिका में सुधार की अनुमति
याचिकाकर्ता के अनुसार हाई कोर्ट के आदेशों के बाद राइट टू फेयर कॉम्पन्सेशन एंड ट्रांसपेरेंसी इन एक्विजिशन, रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटेलमेंट एक्ट 2013 की धारा 94 के तहत 11 अक्टूबर को संबंधित प्राधिकरण के पास नई अर्जी दायर की गई थी. किंतु 25 अक्टूबर को इसे ठुकरा दिया गया. अत: 25 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका में सुधार करने की स्वतंत्रता प्रदान करने का अनुरोध अदालत से किया गया. सुनवाई के बाद न्यायाधीश एएस चांदूरकर और न्यायाधीश जीए सानप ने याचिका में सुधार करने की स्वतंत्रता प्रदान कर 4 दिसंबर तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी. साथ ही अदालत ने सरकारी पक्ष को भी अलग से शपथपत्र दायर करने की स्वतंत्रता दी.
खतरे में रहेगी बची सम्पत्ति
सम्पत्तियों का केवल कुछ ही हिस्सा अधिग्रहित होने पर आपत्ति जताते हुए दुनेश्वर पेठे सहित 19 सम्पत्तिधारकों की ओर से हाई कोर्ट में नई अर्जी दायर की गई. याचिकाकर्ताओं ने अर्जी में बताया कि वर्तमान में पारडी फ्लाईओवर के लिए 19 लोगों की केवल 86 वर्ग मीटर जमीन अधिग्रहित करने का निर्णय लिया गया है, किंतु कुछ ही हिस्सा अधिग्रहण कर तोड़फोड़ होने पर बची सम्पत्ति भी खतरे में आने की संभावना है. यहां तक कि फ्लाईओवर बनने के बाद बची सम्पत्ति का कोई उपयोग ही नहीं हो पाएगा. अत: सम्पत्तियों का कुछ हिस्सा अधिग्रहित करने की बजाय पूरी सम्पत्तियां अधिग्रहित की जानी चाहिए जिसके लिए नये सिरे से प्रक्रिया पूरी कर मुआवजा दिया जाना चाहिए.