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नागपुर. मानसून की शुरुआत होते ही सिटी व ग्रामीण में सांप निकलने के मामले बढ़ जाते है. बिलों से बाहर आए सांप मकानों में घुस जाते हैं. दिन-ब-दिन सर्पदंश के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. सांप से बचने के लिए लोगों को सावधान रहना जरूरी है. मानसून में  सांपों  को पकड़ने और नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए सर्पमित्र तत्पर रहते हैं. जिले में करीब 350-400 सर्पमित्र है.

बरसात के मौसम में जंगल के आसपास रहने वालों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. ऐसे इलाकों के घरों में सांप घुसने के अधिक संभावना रहती है. रहवासी क्षेत्र में कोबरा और जंगली एरिया में रसेल जैसे जहरीले सांप पाए जाते हैं. रसेल की लंबाई 3 से 5 फीट होती है. रसेल के अंदर हेमोटोक्सिक ज़हर होता है. यह जहर शरीर के मसल्स को तोड़ने के साथ खून को जमने नहीं देता है. कोबरा के अंदर न्यूरोटॉक्सिक जहर होता है. यह नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है. घर, बाड़ा, अस्पताल, स्कूलों आदि क्षेत्र से सांप निकलने की शिकायत आते रहती है.

अंधविश्वास से 2 की मौत

सर्पदंश का शिकार हुए लोगों के 1 महीने में 15 से अधिक मामले हो चुके हैं. सांप के डसने से 4 लोगों की मौत हो गई है. इसमें से 2 लोगों ने मेडिकल अस्पताल में दम तोड़ दिया. अन्य 2 लोगों ने अंधविश्वास के चलते जान गंवा दी. अंधविश्वास के चलते दोनों ने सांप के डसने के बाद अस्पताल की जगह बोआ बाजी (जड़ी बूटी) पर विश्वास किया. इस कारण जान से हाथ धोना पड़ गया. 

बाढ़ के पानी से रहता है खतरा

जंगल के सांप बारिश में बिल से बाहर आ जाते है. यह सांप सड़कों से होते हुए घरों में घुस जाते हैं. कई सांप पानी के जरिए भी घरों में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे में नदी-नालों के पास रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है. तेज बारिश होने पर नदी-नाले भर जाते हैं. ओवरफ्लो होने पर आसपास के रहवासियों के घर में पानी घुस जाता है. पानी के साथ सांप के भी घुसने की संभावना रहती है. ऐसी परिस्थिति में लोगों को सांप का शिकार होने का खतरा रहता है.

सर्पदंश का उपचार अस्पताल में कराएं

सांप काटने के बाद बुवा या कोई जड़ी बूटी के चक्कर में रहना नहीं चाहिए. क्योंकि विषैला सांप काटने के बाद उसका इलाज सिर्फ़ और सिर्फ़ हॉस्पिटल में हो सकता है. अगर सही समय पर हॉस्पिटल में पहुंचकर एंटी स्नेक वेनम लगाया गया तो उस व्यक्ति को बचाया जा सकता है. इसके अलावा सांप मिलने पर उसे पकड़ने की कोशिश नहीं करना चाहिए. कृपया उस पर नजर रखे और सर्पमित्र से संपर्क करें. किसी भी सांप को न मारे.

-नीतीश भांदक्कर, सचिव, वाइल्डलाइफ वेलफेयर सोसाइटी

शहर में पाए जाने वाले सांप

विषैले सांप

नाग (कोबरा), मनयार (कॉमन क्रेट), घोणस (रसेल वाइपर)

गैर विषैले सांप

धामण, तस्कर, नानेटी, कुकरी, पानदिवड

सांप से बचने के लिए यह करें

– घर की नालियों के मुहाने पर जाली लगाएं.

– अंधेरे में घर से बाहर न निकलें.

– बाहर रखे जूतों व कपड़ों को झटक कर पहने.

– फर्श पर सोने से बचे.

– घर में रखे कबाड़ को सावधानी से साफ करें.

– आसपास उगी घास व झाड़ी की सफाई करते वक्त सतर्क रहें.

सांप दिखे तो इन्हें करे संपर्क

– नितीश भांदक्कर 7972646909 (खरबी वाठोड़ा)

– विश्वजीत उके 9890522660(महाल)

– अमित वंजारी 96651 75882 (हिंगना)

– गौरांग वाईकर 9970099910 (प्रताप नगर जयताला)

– प्रीतम करोंदे 8055070699 (पारडी)

– आनंद शेलके 9960328855 (जरीपटका मानकपुर नारा)

– अनूप सातपुते 70205 02953 (नारी सदर जाफर नगर)

– अंकित खालोदे 98344 54368 (नंदनवन)

– आशीष खाड़े 093251 01593 (वाड़ी)

– राज चौहान +91 84848 50781 (हुड़केश्वर) 

– मेहर जुगनाके 9834477536 (बूटीबोरी)