नागपुर में बारिश ने मचाई तबाही, स्कूल की दीवार और सड़कें धराशायी, खुद को संभालने में लगे बाढ़ पीड़ित

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नागपुर. बारिश सभी को भाती है लेकिन शुक्रवार की रात जो आसमानी कहर बरपा उसने तो पूरी सिटी में सैलाब ही ला दिया. रात 4 घंटे की मूसलाधार ने हजारों घरों की व्यवस्था पूरी तरह बिगाड़ कर रख दी है. गद्दे, कपड़े, पलंग, सोफा ही नहीं कारें, दोपहिया वाहन, फ्रिज, टीवी सहित घरेलू सामानों का भारी नुकसान हुआ है. सैलाब का पानी तो उतर गया लेकिन अपने पीछे तबाही का मंजर छोड़ गया है. नाग व पीली नदी के अलावा इससे जुड़े नालों के आसपास के परिसर में अब मलबे के ढेर, कचरों के अंबार, गंदगी, बुरी तरह टूटी सड़कें, बह गए फुटपाथ का मंजर नजर आ रहा है. लोग भीगे हुए गद्दे सुखाने के लिए बाहर दीवारों व कारों पर डालते नजर आए तो कपड़ों को सुखाने के लिए सड़कों व गलियों पर ही रस्सी बांधना पड़ा. कई घरों में तो पूरा का पूरा घरेलू सामान ही पानी में डूबने से खराब हो गया है. अनाज भीग कर खराब हो गए हैं. आर्थिक रूप से कमजोर व मध्यम वर्ग के नागरिकों को यह दोहरी मार पड़ी है और उन्हें संडे को खुद को व अपने घरों को संभालते हुए देखा गया. 

सड़क साथ फुटपाथ उखड़े

बाढ़ की पानी का बहाव इतना तेज था कि प्रभावित इलाकों में सड़कें टूट कर बह गईं. सीमेन्ट रोड के किनारे लगे सीमेन्ट के मजबूत आईब्लाक्स तक उखड़ गए. कुछ सड़कें तो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं. कई जगहों पर दीवारें धंसकी हैं. मनपा धंतोली जोन कार्यालय के सामने सड़क पर 6 फीट गहरा गड्ढा हो गया है जो बढ़ता जा रहा है. सुरक्षा के लिए बैरिकेड्स डाल दिया गया है. अयप्पानगर में तो डामर की सड़क ही बह गई है जिससे नागरिकों को दिक्कतें हो रही हैं. संगमनगर में भी सड़क धंस गई है और इसके और भी धंसने की आशंका के चलते बंद किया गया है. 

स्कूल की दीवार धराशायी

बाढ़ का सबसे विकराल मंजर अंबाझरी के समीप की कॉलोनियों का था. कार्पोरेशन नगर में तो करीब 400 घरों में बाढ़ का पानी लबालब भर गया था. यहां सड़कों पर कीचड़ ही कीचड़ पसरा था जिसकी सफाई मनपा द्वारा शुरू की गई थी. शंकरनगर चौक स्थित सरस्वती स्कूल की बाउंड्रीवॉल ही पूरी तरह धराशायी हो गई. यह कुछ घंटों पहले आए सैलाब की विकरालता को बयां कर रहा है. नाग नदी में अचानक ही स्तर बढ़ने के चलते कई जगहों पर दीवारों के पत्थर धंसक गए हैं. दीवारें कमजोर हो गई है. अगर फिर ऐसा मंजर आया तो दुर्घटनाएं हो सकती है. एक नाले में बह गया रिक्शा व साइकिल जलस्तर उतरने के बाद नजर आया. रामदासपेठ में निर्माणाधीन पुलिया वाले हिस्से में तो मिट्टी धंस गई है. वहीं यशवंत स्टेडियम के समीप मेट्रो रेल की पिल्लर के नीचे बेस की मिट्टी भी हट गई है. गंदगी, कचरे व कीचड़ की सफाई जल्द नहीं की गई तो संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ सकता है.

अस्पताल ने निकाले गए मरीज

पंचशील चौक स्थित एक अस्पताल में बाढ़ का पानी भर गया था. आगे खतरे को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने लगभग 70 मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया है. मेडिकल के आकस्मिक विभाग के पोर्च में पानी भरने के चलते वहां आने वाले मरीजों को दिक्कतें आ रही हैं. यहां 3-4 फीट तक पानी भर गया था. बाढ़ के पानी के साथ मलबा-कचरा भी निकासी ड्रेनेज में भर गए हैं जिनकी सफाई जरूरी है अन्यथा तेज बारिश के दौरान मुसीबत और बढ़ेगी क्योंकि पानी निकल नहीं पाएगा.