सड़कें बनीं मवेशियों का आश्रय, मानेवाड़ा निवासियों को भारी दिक्कत; जानवरों के मालिकों पर नहीं हो रही कार्रवाई

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नागपुर. सड़कों पर निकलें तो हो सकता है आपको अपने वाहन के आसपास कुछ बिन बुलाए मेहमान दिखें. शहर और आसपास के क्षेत्रों में जिम्मेदार अधिकारी आवारा मवेशियों की रोकथाम करने में नाकाम नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि बीच सड़क पर इनका कब्जा आम हो चला है. देखकर ऐसा लगता है कि सड़कें ही इनका आश्रय स्थल हैं. इस कारण यातायात बाधित होता है. 

दक्षिण नागपुर में तुकड़ोजी पुतला चौक से मानेवाड़ा चौक की ओर जाने वाले मार्ग पर रोजाना सुबह मवेशियों के जमघट से दुर्घटना की आशंका तो बनी ही रहती है, साथ ही आए दिन आवारा मवेशी वाहनों की चपेट मे आकर घायल हो जाते हैं. गली-मोहल्लों में तो हालत और भी खराब है. यहां आवारा मवेशियों के जमघट से नन्हे-मुन्ने बच्चे भयभीत रहते हैं. कई बार भूख-प्यास से व्याकुल मवेशी खाने की तलाश में लोगों के घर में घुस जाते हैं.

ये अवारा मवेशी सड़कों पर स्पीड ब्रेकर के रूप में काम कर रहे हैं जिससे व्यस्त मार्गों पर यातायात अवरुद्ध हो जाता है. मवेशी दिनभर शहर की व्यस्त सड़कों पर डेरा डाले पड़े रहते हैं जिससे न केवल यातायात बाधित होता है बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है. ये आवारा पशु एक बार जहां पसर जाते हैं वहां से नहीं हटते.  गली-मोहल्लों सहित रेलवे  स्टेशन तथा बस  स्टैंड  पर भी मवेशियों का जमघट देखा जा सकता है. मवेशियों के मालिक अपना काम निकलने या मवेशियों का उपयोग न होने पर उन्हें आवारा छोड़ देते हैं. 

रहवासियों व  राहगीरों के लिए मुसीबत

मवेशियों को घंटों सड़क के बीच में खड़े देखा जा सकता है. इससे पैदल चलने वालों, विशेषकर बच्चों और बुजुर्ग नागरिकों को परेशानी होती है. सुबह के समय पशु पालक अपने मवेशियों को खुला छोड़ देते हैं जो शाम को वापस आने तक शहर में घूमते रहते हैं. ये आवारा जानवर बगीचों और अन्य हरे-भरे क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाते हैं.  लोगों के घरों के सामने गोबर करते हैं. इस कारण स्वच्छता की धज्जियां उड़ रही हैं.

अचानक आ जाते हैं सामने

आवारा घूम रहे मवेशी दुर्घटना का कारण बन जाते हैं. अचानक वाहनों के सामने जानवर आ जाने से हादसे होते रहते हैं. शहर में बढ़ते आवारा जानवर लोगों के लिए एक अतिरिक्त परेशानी साबित हो रहे हैं. राजमार्गों पर मवेशी  घूमते देखे जा सकते हैं. इस कारण तेज गति से आ रहे वाहन चालकों के संपर्क में आने का खतरा रहता है जिससे दुर्घटना की स्थिति  पैदा होती है. वाहन की चपेट में आने से जानवरों की मौत होती रहती है. ऐसे मवेशियों के मालिकों पर कार्रवाई करने सख्त आवश्यकता है.