MP Shrikant Shinde
श्रीकांत शिंदे (फाइल फोटो)

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नागपुर. दलबदल के तहत 16 विधायकों संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई को लेकर राजनीतिक हलकों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. एक ओर जहां महाविकास आघाड़ी उन्हें न्याय मिलने की आशा जता रही है वहीं सुको का फैसला सत्य के पक्ष में होने की मंशा शिवसेना शिंदे गुट के सांसद श्रीकांत शिंदे ने जताई. भंडारा में विभिन्न विकास के कार्यों के भूमिपूजन के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे शिंदे ने पत्रकारों से संवाद किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजनीतिक टीका-टिप्पणी करने का स्तर काफी निचले स्तर पर आ गया है. महाराष्ट्र की संस्कृति प्रदूषित करने का काम हो रहा है. सुबह से ही विपक्षी दल की ओर से गालियां और कोसना शुरू हो जाता है. 16 विधायकों को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं किंतु सुको का फैसला 16 विधायकों के हक में होने की उम्मीद है. 

ठेकेदारों की भाषा बोल रहे

आदित्य ठाकरे का नाम लिए बिना ही निशाना साधते हुए कहा कि जो नेता सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं, उन्हें संघर्ष पता नहीं है. ऐसे नेता ठेकेदारों की भाषा बोल रहे हैं. पहली बार महाराष्ट्र की राजनीति में इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि ठाकरे की भाषा इस तरह की है कि ठेकेदारों को भी लज्जा आएगी. उनके लोगों को ठेके नहीं मिल रहे हैं. यही पीड़ा है. हम 9 वर्ष से जनप्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहे हैं. इसके बाद भी ठेकों में न्यूनतम बोली, अधिकतम बोली या कमिशन क्या होता है, पता नहीं. इन लोगों को इसकी पूरी जानकारी है. 

CM के सपने देखना सभी का अधिकार

अगला मुख्यमंत्री राष्ट्रवादी कांग्रेस का होने को लेकर हाल ही में राकां के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल द्वारा बयान दिया गया. इस संदर्भ में शिंदे ने कहा कि सभी को सपने देखने का अधिकार है. किंतु यदि लोग दिन में सपने देखने लगे तो उनके संबंध में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. शिवसेना नेता अनिल परब का नाम ईडी के आरोप पत्र में नहीं है. उन्हें फिलहाल मिली राहत पर शिंदे ने कहा कि साईं रिजॉर्ट के संदर्भ में उन्हें परिपूर्ण जानकारी नहीं है. सत्ता के लिए विमर्श को परे रखकर एकजुट हुए हैं. वज्रमूठ दिखाकर एकजुटता दिखाने का प्रयास हो रहा है किंतु क्या यह वज्रमूठ नहीं बल्कि वज्रझूठ है. यह देखना होगा. शिंदे ने रेशमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति स्थल पर भी अभिवादन किया.