Sitabuldi police station

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    नागपुर. आम इंसान की यही धारणा होती है कि जीवन में उसे थाने और कचहरी न जाना पड़े. विशेषतौर पर महिलाएं थाने जाने से बचती हैं लेकिन कई बार ऐसा मौका आ जाता है कि उन्हें पुलिस स्टेशन जाना ही पड़ता है. साथ में छोटे बच्चे भी होते हैं. थाने में जाते समय बच्चे और महिलाओं के मन में डर न हो इसीलिए पूरे विदर्भ में पहली बार चाइल्ड फ्रेंडली पुलिस थाना की संकल्पना नागपुर पुलिस ने रखी है.

    शहर के मध्य में स्थित सीताबर्डी पुलिस स्टेशन को इसके लिए तैयार किया जा रहा है और जल्द ही इसका शुभारंभ भी होगा. आम इंसान पुलिस स्टेशन जाने से डरता है. उसे लगता है कि पुलिस का पाला केवल अपराधियों से पड़ता है. ऐसे में पुलिस स्टेशन जाने से उसके सम्मान को ठेस पहुंचती है. लेकिन कई बार घरेलू और महिला उत्पीड़न के मामले सामने आते हैं. महिलाओं को थाने जाकर रिपोर्ट करनी पड़ती है. ऐसे में उनके साथ आने वाले बच्चे डरे-सहमे रहते हैं. इन बच्चों के मन में कोई दुषपरिणाम न हो.

    बच्चा पुलिस को देखकर घबराए नहीं बल्कि उन्हें अपना रक्षक माने. ऐसा तभी हो पाएगा जब उन्हें पुलिस स्टेशन में अनुकूल वातावरण देखने मिलेगा. इसीलिए सीताबर्डी पुलिस स्टेशन में एक विशेष कक्ष बनाया जा रहा है जिसमें पुलिसकर्मी सादे गणवेश में महिला और बच्चों से जुड़े प्रकरणों को संभालेंगे. इसमें बच्चों के खेलने के लिए कुछ खिलौने भी होंगे. यहां महिलाओं और बच्चों का समुदेशन भी किया जाएगा. बच्चों को यह समझाया जाएगा कि पुलिस उनकी दोस्त है और हमेशा उनकी रक्षा करेगी. इसी सप्ताह में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. 

    सकारात्मक दृष्टिकोण निर्माण करने की पहल : DCP विनीता साहू

    डीसीपी विनीता साहू ने कहा कि महिला और बच्चे पुलिस स्टेशन में आने से डरते है. वे खुलकर पुलिस के सामने बोल नहीं पाते. लेकिन उनकी परेशानियों को जानना जरूरी है. एक सकारात्मक दृष्टिकोण निर्माण करने के लिए सीताबर्डी पुलिस स्टेशन को चाइल्ड फ्रेंडली पुलिस स्टेशन बनाने का निर्णय लिया गया है. ऐसे मामलों के लिए स्वतंत्र कक्ष होगा जहां पुलिसकर्मी सादे गणवेश में काम करेंगे. बच्चों अनुकूल वातावरण देने के लिए यहां खिलौने भी रखे जाएंगे. उन्हें यह महसूस नहीं होगा कि वे पुलिस स्टेशन में आए हैं.