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  • महामंडल की सख्त कार्रवाई का भी असर नहीं

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नागपुर. एसटी महामंडल और कर्मचारियों के बीच जारी  विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. 2 दिन से महामंडल की ओर से कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है लेकिन बीते 15 दिनों में पहली बार किसी एक भी कर्मचारी ने नौकरी पर वापसी नहीं की है. कर्मचारी संगठनों की मानें तो अब सभी कर्मचारी आरपार के मूड में हैं. उनका कहना है कि महामंडल जितने लोगों को नौकरी से निकालना चाहे निकाल सकता है लेकिन वे अपने प्रण पर अडिग हैं. इसका फैसला जरूर होगा.

इधर महामंडल के अधिकारी भी इस मामले में टेंशन में नजर आ रहे हैं क्योंकि बीते एक महीने से पूरे प्रदेश में जो ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई उसका कुछ खास नतीजा सामने नहीं आ सका. बता दें कि बीते डेढ़ महीने में अधिकारियों ने करीब 363 कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए हैं. जनवरी में जब कार्रवाई तेजी से की गई तक कुछ कर्मचारी परिवार के कारण दबाव में आ गए लेकिन इसके बाद नौकरी पर वापस आने की संख्या में धीरे-धीरे कमी आई. फिलहाल बीते आधे महीने से यह संख्या शून्य है.

नोटिस वालों की संख्या ज्यादा

महामंडल के अधिकारियों की मानें तो जिन कर्मचारियों को नोटिस दिए हैं, उनकी संख्या ज्यादा है. जो अनुपस्थित थे, उनकी संख्या कम होने से नौकरी पर लौटने वालों की संख्या में गिरावट आई है. उनका कहना है कि ज्यादातर कर्मचारी चाहते हैं कि नौकरी पर वापस लौटने पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए लेकिन मंडल इस मामले में कुछ नहीं कह रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों को नोटिस नहीं दिया गया है उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी इसकी गारंटी है, लेकिन जिनको नोटिस मिल चुका है उनके बारे में आला अधिकारी मुंबई से फैसला लेंगे.

72 बसों में 9,476 ने की यात्रा

सोमवार को विभिन्न जगहों के लिए एसटी महामंडल ने करीब 72 बसें चलाईं जिनमें गणेशपेठ से 24, इमामवाड़ा-3,घाट रोड-24, उमरेड-4, सावनेर-7, वर्धमान-6, रामटेक-3 और काटोल से 1 बस चलाई गई. इन बसों ने दिनभर में 217 फरियां कीं जिनमें 9,476 लोगों ने यात्रा की. इस दौरान सभी बसों ने 20,411.5 किलोमीटर की यात्रा की. महामंडल को आज इनसे 7,32,364 रुपयों की आय हुई. बीते एक महीने से आय में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है. बस संख्या भी 76 पर अटकी हुई है.